उत्तराखंड: (बड़ी खबर)- Uksssc पेपर लीक मामले में एक और नकलमाफिया गोवा से गिरफ्तार…
Uttarakhand: Uksssc पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने एक और गिरफ्तारी की है। पकड़ा गया आरोपी यूपी के नकल माफिया का गुर्गा है और उसे गोवा से दबोचा गया है। बताया जाता है कि यह नकल माफिया और सौदागरों के बीच की कड़ी था।
पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तगण से पूछताछ और साक्ष्यों पर एसटीएफ की एक टीम को संदिग्ध की जानकारी के लिए गोवा भेजा गया था। जहां पर अभियुक्त फिरोज हैदर को नॉर्थ गोवा में पणजी से गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। अभियुक्त फिरोज हैदर लखनऊ के माफिया गिरोह का सदस्य था जो परीक्षा के प्रश्न पत्र लेकर अन्य के साथ हल्द्वानी आया और शशिकांत को उपलब्ध कराया गया था। गहन पूछताछ और साक्ष्यों से अभियुक्त का धामपुर जाना और वहां के नकल माफिया केंद्रपाल से संपर्क में होने की भी पुष्टि हुई है। फिरोज हैदर पुत्र सैयद मोहम्मद रिजवी प्लॉट नंबर 2 श्याम विहार कॉलोनी सीतापुर रोड लखनऊ का रहने वाला है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग एक्ट के हिसाब से अभी नकल रोकने का खास प्रावधान नहीं है। आज भी आयोग के एक्ट के तहत पर्ची के साथ नकलची पकड़े जाने पर अनफेयर मीन रूल (यूूएफएम) के प्रावधान हैं। नकलची अब काफी हाईटेक हो चुके हैं। ऑनलाइन परीक्षाओं में कंप्यूटर हैक कर नकल कराने से लेकर ब्लूटूथ डिवाइस से नकल के मामले भी सामने आ चुके हैं। वहींए इन दिनों स्नातक स्तरीय पेपर लीक का प्रकरण भी खूब चर्चाओं में है। ऐसे नकलचियों और नकल माफिया पर नकेल कसने के लिए आयोग के पूर्व अध्यक्ष एस राजू और सचिव संतोष बडोनी ने सख्त नकलरोधी कानून बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इस प्रस्ताव में पेपर लीक करने वालों को दस साल की जेल से लेकर दस करोड़ तक के जुर्माने की सिफारिश की गई है। उनकी संपत्ति को जब्त करने का भी प्रावधान किया गया है। नकल करने वाले उम्मीदवारों पर भी तीन से पांच साल का प्रतिबंध लगाने के साथ ही पांच साल तक सजा की सिफारिश भी की गई है। शासन ने इस प्रस्ताव का अध्ययन शुरू कर दिया है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्रस्ताव पर सरकार चाहेगी तो पूरे प्रदेश की सभी भर्ती संस्थाओं के लिए एक कानून बना सकती है। अगर चाहेगी तो आयोग के लिए अलग.अलग कानून बना सकती है। इस पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद कानूनी रूप देने के लिए विधानसभा में रखा जाएगा।