उत्तराखंड: “व्यथा पहाड़ कि” में सुनाई देती है पहाड़ की पीड़ा, लोकगायक बीके सामंत ने बयां किया पहाड़ का दर्द

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HALDWANI: (JEEVAN RAJ)- उत्तराखंड के सुपरस्टार लोकगायक बीके सामंत का बार फिर पहाड़ का दर्द लेकर आये है। इस बार लोकगायक बीके सामंत ने मार्मिक अंदाज में पहाड़ के दर्द को बयां किया है। जिससे सुनकर आप भी भाव-विभोर हो जायेंगे। इससे पहले उनके गीतों ने उत्तराखंड ही नहीं विदेशों तक में धमाल मचाया। उनका गीत “थल की बजारा”आज भी शादी-विवाह में लोगों की पहली पसंद है। जिसे साढ़े पांच करोड़ से ऊपर व्यूज मिल चुके है। उनके हर गीत करोड़ों में है। अब “व्यथा पहाड़ कि” नाम से उनका नया गीत उनके यूट्यूब चैनल श्रीकुंवर एंटरटेेनमेंट से रिलीज हुआ है। जिसे लोग खूब पसंद कर रहे है।

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लोकगायक बीके सामंत ने बताया कि इस गीत में उन्होंने पहाड़ों के दर्द को बयां किया है। किस तरह पहाड़ दर्द सहता है। इसी को शब्दों मेें पिरोकर उन्होंने अपने चाहनों वालों तक पहुंचाया है। इससे पहले बीके सामंत का तू ऐजा ओ पहाड़ा ने लोगों को अपने पहाड़ छोडऩे की याद दिलाई। पलायन पर आधारित उनका ये गीत लोगों को खूब भाया। उनके हर गीत में एक संदेश छिपा रहता है, जिसमें वह लोगों को जागरूक करते दिखे। उनके थल की बजारा गीत ने सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। यह एक ऐसा गीत है जो उत्तराखंड के संगीत जगत में पहली बार शानदार पिक्चर क्वालिटी और एक नये अंदाज के साथ आया। जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। इसके बाद उत्तराखंड के संगीत जगत में नये-नये प्रयोग होने लगे।

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आज उत्तराखंड के संगीत जगत को ऊचांईयों तक ले जाने में लोकगायक बीके सामंत का बहुत बड़ा योगदान है। इसके पीछे उनकी मेहतन साफ दिखती है। खुद ही गीत लिखना, खुद कंपोज करना, म्यूजिक तैयार करना और उसे आवाज देना। यानी एक मझा हुआ कलाकार की यह कर सकता है। आज वह उत्तराखंड के संगीत जगत में सबसे बड़ा नाम बन चुके है। जब भी नया गीत लेकर आते है तो कुछ नया ही लेकर आते है। व्यथा पहाड़ कि गीत आपको भी भाव-विभोर कर देगा। अभी तक आये उनके सुपरहिट गीत थल की बजारा, यो मेरो पहाड़ा, तू ऐ जा औ पहाड़ा, पंचेश्वर बांध, बिंदुली, ओ बांजा झुपर्राली बांजा, सात जनम सात वचन, मेरी बिमू, देवताओं का थान, डोली जैसे गीत शामिल है। लोकगायक बीके सामंत ने बताया कि जल्द ही उनका एक भजन रिलीज होगा जो भगवान शंकर पर गाया गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह लोगों ने उन्हें प्यार दिया है। वैसे ही उम्मीद उन्हें अपने नये गीत व्यथा पहाड़ की से है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।