T20 World Cup: पाकिस्तान से जीत के बाद मैदान पर ही रो पड़े हार्दिक पांड्या, हम हारेंगे साथ में, जीतेंगे साथ में…

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T20 World Cup 2022: टी20 वर्ल्ड कप 2022 के सुपर-12 मैच में भारत ने सांसे रोक देने वाले मैच में पाकिस्तान को आखिरी गेंद पर 4 विकेट से हराया। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 82 रन बनाए। इसके अलावा हार्दिक पांड्या ने गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले 3 विकेट चटकाए और फिर 40 रन बनाए। वह ऐसे समय पर क्रीज पर आए थे जब टीम इंडिया 31 रन पर 4 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी। इसके बाद उन्होंने कोहली के साथ शतकीय साझेदारी की। मैच के बाद स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत के दौरान हार्दिक पांड्या भावुक हो गए। उनकी आखों में आंसू आ गए।

पोस्ट मैच शो के दौरान पांड्या अपने पिताजी के त्याग को याद करके भावुक हो गए। साथ ही कहा कि टीम जीतने के लिए दिल से मेहनत कर रही है।पाकिस्तान के खिलाफ जीत पर उन्होंने कहा ,” यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि पहला मैच है और पाकिस्तान के खिलाफ है। लड़कों ने बहुत मेहमत किया हैं। सब करते हैं मेहनत, लेकिन बहुत दिल से मेहनत किए हैं। सबके लिए खुशी है। सब खुश हैं, आप देख सकते हैं, जैसे जीते हैं। कोई फेल भी होता है तो नहीं बोलते कि तेरी वजह से हारे हैं। हम हारेंगे साथ में, जीतेंगे साथ में।”

हार्दिक ने आगे कहा, “विराट और मेरा योगदान था, लेकिन मुझे लगता है कि ये जीत एक-एक खिलाड़ी की है। अर्शदीप ने जैसा बॉलिंग डाला, भुवनेश्वर कुमार ने जैसा बॉलिंग डाला, मोहम्मद शमी ने जैसा बॉलिंग डाला। भले चार विकेट गिरे, लेकिन ऊपर के चार चौके सूर्यकुमार यादव ने मारे या किसी ने भी मारे बहुत बढ़िया शॉट थे।”

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उन्होंने कहा , “मैं दोनों टीम का हिस्सा था। वो जो वर्ल्ड कप हारे थे उसका भी हिस्सा था और एशिया कप जो हारे थे। मैंने बहुत टाइम बाद किसी ड्रेसिंग रूम को इतना हर्ट देखा था, लेकिन लोग यह कह रहे थे कि ये चुभ रहा है न चुभने दो। क्योंकि सबको पता है इंडियन टीम से क्या उम्मीद की जाती है। ये चुभ रहा है चुभने दो और फोकस हमेशा बड़े गोल पर रहेगा। “

जतिन सप्रू और इरफान पठान से बातचीत के दौरान हार्दिक पांड्या अपने पिता को याद करके भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ” मुझे महसूस हुआ कि ये पापा के लिए है। आज जो हुआ वह उसे देखकर काफी खुश होते। ये उनके लिए है। केवल अपने पिता के बारे में सोच रहा था। अगर वो मुझे खेलने का मौका नहीं देते तो मैं कहां इधर होता। इतना बड़ा बलिदान करना। बच्चों के लिए शहर बदलना। मैं नहीं कर सकता। मैं अपने बच्चे को बहुत प्यार करता हूं। उसके लिए सब कर दूंगा, लेकिन उस समय पर जब 6 साल के के थे। उस समय शहर और बिजनेस बदलना बहुत बड़ी बात है। मैं इसके लिए अभारी रहूंगा। “

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संपादक - जीवन राज ईमेल - [email protected]

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