रूद्रपुर: मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल वैशाली ने किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर किया जागरूक

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Rudrapur News: मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, वैशाली द्वारा किडनी ट्रांसप्लांट के महत्व को उजागर करने के उद्देश्य से जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में दो युवा मरीज़ों – 22 वर्षीय हिमांशु भारद्वाज और 26 वर्षीय दिव्यांश गाबा – की प्रेरणादायक यात्रा साझा की गई, जिन्होंने सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट करवाया और अब एक स्वस्थ व बेहतर जीवन जी रहे हैं।

इन मामलों का नेतृत्व मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, वैशाली के नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांटेशन विभाग के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉ. मनोज के. सिंगल ने किया।

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दोनों मरीज़ों के मामलों पर बोलते हुए, डॉ. मनोज के. सिंगल ने बताया, “22 वर्षीय हिमांशु भारद्वाज को क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ का पता चला था और मई 2024 से वह डायलिसिस पर थे। कुछ समय बाद उन्हें टीबी भी हो गया। डायलिसिस की शारीरिक और मानसिक थकावट ने उनके भविष्य के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल कर दिया था। ऐसे में उनकी 50 वर्षीय मां ने अपनी किडनी दान कर उन्हें नया जीवन दिया। टीबी का उपचार कुछ महीनों तक चलने के बाद ट्रांसप्लांट किया गया। डोनर को ऑपरेशन के पांचवें दिन और हिमांशु को आठवें दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वर्तमान में दोनों स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।”

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इसी तरह, 26 वर्षीय दिव्यांश गाबा को स्टेज 5 क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ थी और वह 2022 से डायलिसिस पर थे। उनकी मां की किडनी की स्थिति ठीक नहीं थी और उनके पिता मधुमेह (डायबिटीज़) से ग्रस्त थे, जिससे डोनर का विकल्प सीमित हो गया। ऐसे में उनके पिता की 50 वर्षीय बहन (दिव्यांश की पिताजी की बहन) ने निःस्वार्थ भाव से किडनी दान करने का निर्णय लिया। उम्र और स्वास्थ्य को लेकर शुरुआती चिंताओं के बावजूद मेडिकल जांच में उन्हें उपयुक्त डोनर पाया गया। जांच के दौरान उनकी छाती की ग्रंथियों में टीबी पाया गया। नौ माह के टीबी उपचार के बाद, वह किडनी दान के लिए फिट घोषित हुईं। ट्रांसप्लांट सफल रहा – दाता को पांचवें और दिव्यांश को आठवें दिन अस्पताल से छुट्टी मिली। आज दोनों एक स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।

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डॉ. मनोज ने आगे कहा, “डायलिसिस एक सेतु है, मंज़िल नहीं। सही चिकित्सा और पारिवारिक सहयोग से ट्रांसप्लांट रोगी को बार-बार अस्पताल जाने, खानपान की सख्ती और थकान से मुक्ति दिला सकता है। यह सामान्य जीवन को वापस पाने की प्रक्रिया है।”

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इन जटिल मामलों का सफल उपचार मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, वैशाली की चिकित्सा उत्कृष्टता, पारिवारिक सहयोग और मरीज़ों की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक है। यह अस्पताल न केवल उपचार प्रदान करता है, बल्कि समाज को जागरूक कर स्वास्थ्य सेवा के प्रति सकारात्मक संदेश भी देता है।

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जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।