हल्द्वानी: सुशीला तिवारी में तीन साल के बच्चे की मौत, फफक-फफक कर बुआं बोली घर से चलकर आया था मेरा कपिल…

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HALDWANI NEWS: सुशीला तिवारी हमेशा चर्चाओं में रहता है। कुमाऊं का सबसे बड़ा अस्पताल होने से लोग पहाड़ से मैदान तक यही आते है। पिछले दिनों रानीखेत से आये एक नवजात की मौत का मामला अभी शांत नहीं हुआ कि आज एक और बच्चे की मौत से अस्पताल में हंगामा हो गया। इलाज के दौरान किच्छा निवासी तीन साल के बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। इसके बाद प्राचार्य कार्यालय को शिकायती पत्र देकर मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है।

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मुकेश नई बस्ती किच्छा निवासी का कहना है कि उनके बेटे कपिल को पेशाब नहीं आ रही थी। बच्चा जांघ के पास दर्द की शिकायत कर रहा था। ऐसे में वह उसे इलाज के लिए वह 24 सितंबर की शाम सुशीला तिवारी लेकर आये। रात इमरजेंसी में दिखाने के बाद 25 सितंबर को उन्हें बच्चा वार्ड में दिखाया। तब डाक्टरों ने बच्चे को भर्ती कराने की सलाह दी तो 26 सितंबर को बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया।

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परिजनों ने आरोप लगाया कि डाक्टरों ने दवाएं मंगाने के बाद बच्चे को दवाएं नहीं दी। बुधवार रात बच्चे की परेशानी बढ़ गई। आरोप है कि रात में डाक्टरोंने बच्चे को देखा तक नहीं। जिससे उसकी मौत हो गई। बच्चे की बुआ नीलम का कहना है कि बेटा कपिल अच्छा-खासा चलते हुए अस्पताल आया था। अस्पताल स्टाफ व डाक्टरों की लापरवाही से बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।