हल्द्वानी: कुमाऊनी बोली बचाने की मुहिम, जब बचूल आपुण बोली, तब बचाल तीज-त्योहार’

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Haldwani News: कुमाऊंनी बोली को नई पीढ़ी तक पहुंचाने और संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करवाने को लेकर गौलापार में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुमगढ़ पत्रिका के संपादक दामोदर जोशी ‘देवांशु’ और संयोजिका नमिता सुयाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोगों और बाहर से आए अतिथियों ने कुमाऊनी में बोलचाल की। इस मौके पर दामोदर जोशी ने कहा कि आज की नई पीढ़ी को कुमाऊनी बोली के बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी हो गया है। इसलिए हम सबको एक होकर काम करना होगा। उन्होंने नमिता सुयाल द्वारा चलाई गई, इस मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि नमिता एक बेहतर शिक्षिका और समाज सेवी हैं।

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नमिता सुयाल ने कहा जनगणना के समय हमें अपनी कुमाऊनी बोली को जनगणना फार्म में भरना होगा। ताकि सरकार इस बारे में आगे की कार्यवाही शुरू कर सके। सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत बगड़वाल ने कहा कि हम सबको अपने घरों में बच्चों से पहाड़ी में बोलचाल करनी चाहिए तभी कुमाऊनी को बचाया जा सकता है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन बिष्ट ने कहा की कुमाऊनी बोली का विषय स्कूलों में भी शुरू किया जाना चाहिए। तनुजा बेलवाल, हेमा हर्बोला, विद्या महतोलिया, बची सिंह बिष्ट आदि ने कहा कि हम सबको कुमाऊनी बोली को बचाने के लिए अभियान चलाकर गांव-गांव से लोगों को जोड़ने की जरूरत है। सभी लोगों को इस मुहिम में नमिता का साथ देकर सहभागिता करनी चाहिए। अंत में सभी की अध्यक्षता कर रही लीला बिष्ट ने कहा कि गोष्ठी के माध्यम से आज कुमाऊनी बोली का प्रचार हो रहा है। यह बहुत अच्छी मुहिम है। हम सभी इसमें सहयोग करना होगा।

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मंजू पांडेय और वक्ताओं ने कहा कि हम सबको कुमाऊनी में बात करने में गर्व महसूस करना चाहिए। मंजू ने कहा कि बचपन में मुझे भी कुछ भी बोलना नहीं आता था, लेकिन मैंने धीरे-धीरे सब सीख लिया। हर व्यक्ति को अपने घर में कुमाऊनी बोली का ही प्रयोग करना चाहिए। आज हम अपनी बोली के प्रति जागरूक नहीं हुए तो आने वाले समय में हमारी बोली विलुप्ति के कगार पर पहुंच जाएगी। इस मौके पर ग्राम प्रधान लीला बिष्ट, रवि नेगी, भुवन बेलवाल, आदित्य पंत, लोकेश वर्मा, नीरज रैकवाल, निर्मला बिष्ट प्रधानाचार्य हीरा कुंवर, इंद्रपाल आर्य, कर्णवीर, आदि मौजूद रहे।

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पहाड़ प्रभात डैस्क

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।