हल्द्वानी: 80 वर्ष की आयु में रोबोटिक बाइलेट्रल नी रिप्लेसमेंट से बुजुर्ग को मिला नया जीवन

हल्द्वानी: मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, वैशाली के डॉक्टरों ने हल्द्वानी निवासी 80 वर्षीय श्री राम सिंह पर सफलतापूर्वक रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी की। सर्जरी के बाद वे फिर से आराम से चल-फिर पा रहे हैं और बिना दर्द के जीवन जी रहे हैं।
उम्र नहीं, तकनीक बनी सहारा
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, वैशाली के आर्थोपेडिक्स एवं जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के डायरेक्टर डॉ. अखिलेश यादव ने जागरूकता सत्र में बताया कि उम्र रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट में बाधा नहीं है। आधुनिक तकनीक की मदद से यह प्रक्रिया सुरक्षित, सटीक और तेज़ है, जिससे मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं।
10 साल से झेल रहे थे असहनीय दर्द
श्री राम सिंह पिछले 10–12 वर्षों से एडवांस्ड ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित थे। लगातार बढ़ते दर्द और चलने-फिरने में कठिनाई ने उनका जीवन कठिन बना दिया था। रोज़मर्रा के काम भी उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो गए थे।
डॉक्टर बोले – “तकनीक ने बदली ज़िंदगी”
मामले पर बोलते हुए डॉ. अखिलेश यादव ने कहा,
“श्री राम सिंह का मामला इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि किस तरह रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट ने जीवन बदल दिया। 80 साल की उम्र में भी हमने अत्यधिक सटीकता के साथ इम्प्लांट प्लेसमेंट किया। सर्जरी सुरक्षित रही, जोखिम नगण्य था और मरीज ने सहजता से रिकवरी की। आज वे सक्रिय और दर्द-मुक्त जीवन जी रहे हैं।”
बुजुर्गों के लिए वरदान साबित हो रही रोबोटिक तकनीक
रोबोटिक्स की मदद से इम्प्लांट्स बिल्कुल सही जगह पर लगाए जाते हैं, जिससे गलती की संभावना लगभग समाप्त हो जाती है। इससे न केवल सर्जरी सुरक्षित होती है बल्कि इम्प्लांट भी लंबे समय तक सफल रहता है। यही कारण है कि बुजुर्ग मरीजों में भी यह तकनीक नई उम्मीद लेकर आ रही है।
नई ऊँचाइयों पर आर्थोपेडिक देखभाल
डॉ. यादव ने कहा, इस तकनीक ने आर्थोपेडिक देखभाल को नए युग में प्रवेश कराया है। अब हर उम्र का मरीज सुरक्षित और तेज़ रिकवरी पा सकता है। यह तकनीक उन लोगों के लिए भी उम्मीद की किरण है जो दर्द और लाचारी को अपनी नियति मान चुके थे।”
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, वैशाली रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट के माध्यम से मरीजों को गतिशीलता, आत्मनिर्भरता और दर्द-मुक्त जीवन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।