हल्द्वानी-(बड़ी खबर)-42 कार्यक्रमों को संचालित करेगा मुक्त विश्वविद्यालय, दो नये पीजी कार्यक्रम भी होंगे शुरू…

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Haldwani News: उत्‍तराखण्‍ड मुक्‍त विश्‍वविद्यालय को यूजीसी डेब से 42 कार्यक्रमों को संचालित करने की अनुमति मिल गयी है। ज्ञात हो कि देश के किसी भी राज्‍य मुक्‍त विश्‍वविद्यालय को प्रत्‍येक पांच वर्षों में यूजीसी के दूरस्‍थ शिक्षा ब्‍यूरो से कार्यक्रमों को संचालित करने की अनुमति लेनी होती है, जिसकी प्रक्रिया बहुत ही जटिल है। यूजीसी दूरस्‍थ शिक्षा ब्‍यूरो के अनुसार विश्‍वविद्यालय के प्रत्‍येक कार्यक्रम या विषय को संचालित करने के लिए स्‍नातक स्‍तर पर 3 शिक्षक तथा स्‍नातक और स्‍नातकोत्‍तर स्‍तर पर 5 शिक्षकों का होना अनिवार्य है। इसके साथ ही सभी विषयों का पाठ्यक्रम निर्मित होना चाहिए और पाठ्यक्रम प्‍ले‍िगरिज्‍म (कॉपी राइट) मुक्‍त होना चाहिए।

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विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी के अथक प्रयासों से विश्‍वविद्यालय  ने ब्‍यूरो के ये सभी मानक पूरे किए, विश्‍वविद्यालय में एक विषय में 2 या अधिकतम 3 ही स्थाई शिक्षक हैं, इसके अलावा राज्य सरकार से कोई पद स्वीकृत नहीं हैं, इसके बावजूद भी उन्‍होंने विश्‍वविद्यालय के अपने स्रोतों से 6-6 माह के लिए अस्थाई रूप से शिक्षकों की भर्ती कर इस कोरम को पूरा किया और सभी पाठ्यक्रमों की अध्ययन सामग्री का कॉपीराइट चेक कराकर रिपार्ट जमा करवाए। स्‍वयं भी यूजीसी स्‍तर पर वार्ता और बैठकों में शामिल हुए। यह हर्ष का विषय है कि देश के सभी राज्‍य मुक्‍त विश्‍वविद्यालयों में उत्‍तराखण्‍ड मुक्‍त एकमात्र मुक्‍त विश्‍वविद्यालय है जिसेे सर्वाधिक पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति मिली है।  

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उत्‍तराखण्‍ड मुक्‍त विश्‍वविद्यालय की पिछले पांच वर्षों की मान्‍यता जून 2023 में समाप्त हो गई थी, अब विश्‍वविद्यालय को अगले पांच वर्षों के लिए 2028 तक की मान्‍यता प्राप्त हो गइ है। पूर्व में संचालित बीए-एमए, बीएससी- एमएससी के सभी विषय, बीकाम एमकॉम, बीबीए – एमबीए, बीसीए – एमसीए, पत्रकारिता में एमएजेएमसी, एमएसडब्‍ल्‍यू, ओडीएल बीएड, विशिष्‍ट बीएड, बीलिब, पूर्व में संचालित आदि सभी कार्यक्रम। इनके अलावा विकास अध्‍ययन और पर्यावरण अध्‍ययन में दो नए पीजी डिग्री कार्यक्रम भी इसी सत्र से संचालित करने की अनुमति प्राप्‍त हुई। कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी ने कहा कि यह विश्‍वविद्यालय परिवार के सभी शिक्षकों और कार्मिकों की मेहनत का परिणाम है। उन्‍होंने कहा कि विश्‍वविद्यालय के प्रवेश विभाग को आज से ही इन विषयों में ऑनलाइन प्रवेश प्रारम्‍भ करने के निर्देश दिने गए हैं।                          

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जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।