लोकसंगीत: सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मेरी ईजा, आप भी देखें पहाड़ में ईजा के संघर्षपूर्ण जीवन पर आधारित ये मार्मिक गीत

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Pahad Prabhat News: (जीवन राज)-उत्तराखंडी संगीत लगातार संवर रहा है। पहाड़ के पलायन से लेकर पुरानी पंरमपराओं तक को लोकगायकों ने अपनी आवाज से संवारने का प्रयास किया है।पहाड़ में पलायन कर बेटे का शहर जाना वर्षों से चली आ रही है। ऐसे में मां-बेेटे का प्यार और बिछडऩा हमेशा रहता है। हाल ही में सोमेश्वर घाटी पेज से एक गीत रिलीज हुआ है। जिसका नाम पर मेरी ईजा। मां पर आधारित इस गीत में दिन भर पहाड़ में पहाड़ जैसी जिंदगी से लड़ती मांं का दर्द बयां किया है।

इस गीत को गाया है सुनील कैड़़ा ने। जिन्होंने अपने बेहतरीन प्रयास में दर्शकों को दिल जीत लिया। सोमेश्वर घाटी यू-ट्यूब चैनल पर रिलीज हुए इस गीत को अभी तक 50 हजार से ऊपर व्यूज मिल चुके है। सोमेश्वर घाटी पेज लगातार क्षेत्र में जागरूकता का कार्य कर रहा है। वहीं गीतों के माध्यम से भी उत्तराखंड की संस्कृति को संवारने के काम में जुटा है। इस गीत को सुनील कैड़ा ने गाया है जो मूलरूप से सोमेश्वर के दियारी गांव के निवासी है। इससे पहले उनके गीत रंगील पिछौड़ी, मेरी बहना काफी चर्चित रहे।

सुनील कैड़ा को संगीत जगत में लाने का काम सोमेश्वर निवासी अनिल भट्ट ने किया जो लगातार सोमेश्वर घाटी पेज के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहे है। इस गीत में मां यानी ईजा दिनभर मेहनत करते हुए कैसे अपने बच्चों को प्यार से पालती है, यह दिखाया गया है। पहाड़़ की मां के जीवन का सफर कितना संघर्ष भरा रहता है यह आपकों मेरी ईजा वीडियो गीत में देखने को मिलेगा।

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इसके अलावा इस को राजेन्द्र नेगी ने लिखा है, म्यूजिक मोती शाह ने दिया है। गीत के डायरेक्टर शंकर भंडारी है जबकि प्रोडसर कैलाश भेटारी है। फांउडरअनिल भट्ट है और ग्राफिक प्रीति सिद्धार्थ ने किया है। साथ ही गीत के स्पांसर अनुराग आंनद भंडारी है। यह गीत सोमेश्वर घाटी के यू-ट्यूब चैनल पर रिलीज हुआ है। जिसे लोग खूब पसंद कर रहे है। आप भी एक बार जरूर सुनिये एक मां के जीवन का संघर्षमय गीत मेरी ईजा…

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पहाड़ प्रभात डैस्क

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।