CWG 2022: पहाड़ के लक्ष्य बने गोल्डन ब्वाय, दुनिया में बजा उत्तराखंड का डंका

CWG 2022: थॉमस कप में 73 साल बाद जीत दर्ज करने वाली भारतीय बैडमिंटन टीम के सदस्य लक्ष्य सेन ने अपने ‘लक्ष्य’ से न चूकते हुए आज कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को गोल्ड दिलाया। लक्ष्य सेन ने पुरुष एकल के फाइनल में मलेशिया एंग जे यॉन्ग को हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया है। उनका राष्ट्रमंडल खेलों में यह पहला पदक है। उनकी इस जीत के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और उनके पिता व कोच डीके सेन का बड़ा हाथ है। लक्ष्य के पिता डीके सेन बैडमिंटन के जाने-माने कोच हैं और वर्तमान में प्रकाश पादुकोण अकादमी से जुड़े हैं। पिता की देखरेख में लक्ष्य ने होश संभालते ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। वह चार साल की उम्र में ही स्टेडियम जाने लगे थे। छह-सात साल की उम्र में ही उनका खेल देखकर लोग हैरान हो जाते थे। लक्ष्य की दसवीं तक की पढ़ाई अल्मोड़ा के बीरशिवा स्कूल में ही हुई।
राष्ट्रमंडल खेलों में अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन के बैडमिंटन पुरुष एकल के फाइनल में जैसे ही मलेशिया के एंग जे यॉन्ग को पराजित किया तो टीवी और मोबाइल फोन की स्क्रीन पर टकटकी लगाए मैच देख रहे लोग खुशी से झूम उठे। लक्ष्य सेन के स्वर्ण पदक जीतने से गांव, शहर से लेकर देश-प्रदेश तक में खुशी की लहर है।

जीत के बाद सेन ने कहा, ‘मैच का दूसरा गेम टर्निंग पॉइंट रह, जहां मैंने बढ़त बनाई। मैं अच्छा और थोड़ा धैर्य से खेल रहा था। इससे मुझे पूरे तीसरे गेम में काफी आत्मविश्वास मिला। मैं बहुत खुश हूं कि मैंने दूसरा और तीसरा गेम अच्छा खेला। यह एक सपने के सच होने जैसा है, और मैं आज जिस तरह से खेला उससे मैं खुश हूं। मलेशियाई खिलाड़ी को भी श्रेय जाता है, क्योंकि उन्होेंने वास्तव में (पहला) गेम अच्छा खेला।’
भारत के लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) ने कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG 2022) में पुरुष सिंगल्स का गोल्ड मेडल जीत लिया है। फाइनल मुकाबले में लक्ष्य ने मलेशिया के त्जे योंग को पहला गेम हारने के बाद 19-21, 21-9, 21-16 से हराया। पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले रहे 21 साल के लक्ष्य सेन ने भारत को 20वां गोल्ड दिलाया। इससे पहले पीवी सिंधु ने भी महिला सिंगल्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। भारत के किदांबी श्रीकांत को पुरुष इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल मिला।














