Big Breaking: पायलट बाबा का निधन, पाकिस्तान से जंग में दिखाई जांबाजी
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा का मंगलवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। उनकी मौत की खबर से पूरे संत समाज में शोक की लहर है। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरी गिरी महाराज के निर्देश पर जूना अखाड़े की पूरे प्रदेश में स्थित सभी शाखाओं, आश्रमों और मुख्य पीठों पर शोक सभा व शांति पाठ का आयोजन किया जा रहा है। जूना अखाड़े ने तीन दिन का शोक घोषित किया गया है। इन तीन दिनों में पायलट बाबा की आत्मा की शांति के लिए शांति पाठ हवन तथा विशेष पूजा अर्चना की जाएगी।
श्री महंत हरि गिरी महाराज ने कहा कि पायलट बाबा की अंतिम इच्छा के अनुसार उन्हें उत्तराखंड की पावन भूमि में समाधि दी जाएगी। जूना अखाड़े के समस्त पदाधिकारी और वरिष्ठ संत, महामंडलेश्वर उनको समाधि देने के लिए पहुंचेंगे। हरिद्वार अखाड़े में पायलट बाबा के ब्रह्मलीन होने पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
भारत के सबसे चर्चित संतों में से एक एक पायलट बाबा कभी सेना में विंग कमांडर थे और उनका असली नाम कपिल सिंह राजपूत है. कपिल सिंह राजपूत उर्फ पायलट बाबा का जन्म बिहार के सासाराम जिले में हुआ था. उन्होंने काशी विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की और सेना में भर्ती हो गये. सेना में रहते हुए कपिल सिंह राजपूत उर्फ पायलट बाबा 1961 में चीन, 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में शामिल हुए और अपनी जांबाजी दिखाई. उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित भी किया गया. लेकिन फिर एक विमान हादसे ने उनका पूराजीवन बदल दिया।
पायलट बाबा बताते हैं कि बात 1996 की है जब वह एक मिग फाइटर प्लेन उड़ा रहे थे. यह एक रूटिन उड़ान थी. वह पूर्वोत्तर भारत के आकाश में तभी उनके विमान में कुछ तकनीकी खराबी आ गई. उनका विमान का दुर्घटनाग्रस्त होना तय था, तभी उन्हें पीछे से अपने गुरु जी हरि बाबा की आवाज सुनाई दी. हरि बाबा उन्हें मार्गदर्शन करते रहे या यूं कहें की अपने गुरु जी की शक्तियों की वजह से वह सकुशल अपने विमान को जमीन पर उतारने में सफल हो सके. तभी से उन्होंने निर्णय लिया कि वह शांति और आध्यात्म का जीवन बिताएंगे।