उत्तराखंड: फल समझकर अफीम के बीज खाने से बच्चे हुए बेहोश, पुलिस पहुंची तो अफीम की खेती देख उड़े होश…

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KICHCHA NEWS: नशीलें पदार्थो की ब्रिकी उत्तराखंड में तेजी से हो रही है। ऐसे में खबर ऊधमसिह नगर के किच्छा से है। जहां बच्चों ने अफीम के बीज खा लिए। बीज खाते ही बच्चे बेहोश हो गयै। ऐसे में यह खबर पुलिस तक पहुंची तो पुलिस जांच में जुट गई। पता चला कि अफीम का बीज खाकर बच्चों की यह हालत हुई। जिसके बाद अफीम की खेती का पर्दाफाश हो गया।

जानकारी के अनुसार प्राग फार्म की जिंदल के अधिकार क्षेत्र की 27 एकड़ भूमि पर अशरारुल हक खेती कर रहा है। जहां उसने 300 वर्ग फीट खेत में अफीम बो रखी थी। इससे पहले वर्ष 2021 में रुद्रपुर के बिंदूखेड़ा में अफीम की खेती का पता पुलिस को लगा था। अशरारुल हक किच्छा में ही अफीम की खेती कर रहा था। लेकिन पुलिस को इसकी खबर नहीं थी। ऐसे में जंगल में घूम रहे बच्चों के कारण अफीम की खेती का राज खुल गया।

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बंडिया में पहुंचे ही बच्चे अफीम का पौधा देख कर उत्सुक हुए और उन्होंने उसके बीज खा लिए। इसके बाद उन्हें नशा चढऩे लगा तो बच्चों की हालत खराब हुई और वह बेहोश होने लगे। परिजनों ने जब उनसे पूछताछ कि तो बच्चों ने बताया कि उन्होंने बीज खाये है। ऐसे में परिजन वह बीज देखने पहुंचे तो वहां देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई, यहां अफी की खेती हो रही थी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने अफीम की खेती करते एक व्यक्ति को दबोच लिया। उसके पास से पुलिस ने 10 लाख रुपये की अफीम बरामद की है।

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इसके बाद आरोपी के खिलाफ पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने अफीम की खेती कर रहे अशरारुल हक पुत्र नूर उलहक निवासी वार्ड नंबर पांच किच्छा को गिरफ्तार कर लिया। मौके से दस किग्रा अफीम का पौधा व दो किग्रा अफीम पोस्त बरामद कर लिया।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।