उत्तराखंड: 25वीं पुण्यतिथि पर उत्तराखंड के सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी को किया याद, परिवार ने दी श्रद्धांजलि…

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CHOUKHUTIA NEWS: आज उत्तराखंड के सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी की 25वीं पुण्यतिथि उनके पैतृक गांव चांदीखेत चौखुटिया में मनाई गई। इस मौके पर सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी की समाधिस्थल पर दीप प्रज्वलित उनकी धर्मपत्नी मीरा गोस्वामी उनके सुपुत्र लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी, गिरीश गोस्वामी, अशोक गोस्वामी, जगदीश गोस्वामी व गोस्वामी परिवार ने समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके पुत्रों ने अपने पिता को याद किया।

उधर मुंबई में उत्तराखंड लोकगायक देवकी नंदन कांडपाल, हयात सिंह राजपूत, दीवान सिंह स्योत्री, प्रदीप सिंह रावत, शेखर उपाध्याय, आशा कांडपाल, मोहन सिंह बिष्ट, जसवं त सिंह बिष्ट, भैरव दत्त शर्मा, कमल बेलाल, दुबई से देवेंद्र सिंह कोरंगा संस्थापक उत्तराखंड एसोसिएशन ऑफ यूंएई के समस्त सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किये।

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पिता की विरासत संभाल रहे लोकगायक रमेश बाबू

लोकगायक रमेशबाबू गोस्वामी ने अपने पिता को याद करते हुए बताया कि उनके पिता सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी एक गायक के साथ-साथ लेखक, उद्घोषक निबंधकार, रचनाकार, साहित्यकार भी रहे। उन्होंने अपनी गायकी से समूचे उत्तराखंड के साथ ही विश्व में अपनी पहचान बनाई। अपनी गायकी से उत्तराखंड का नाम रोशन कि या। उन्होंने ऐसे दौर में अपनी गायकी वह उत्तराखंड के संगीत को पहचान दिलाई जब संचार का कोई साधन होता था, ना ऐसे वाद्य यंत्र होते थे। आज लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी अपने पिता की विरासत को संभालते हुए आगे बढ़ रहे है। जिन्होंने अपने गायकी से बड़ा मुकाम हासिल किया है।

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इन गीतों का दिवाना है उत्तराखंड

गोपाल बाबू गोस्वामी ने अपने सुरों से सभी के दिलों में राज किया। बात के युवा उनके गीतों को गा रहे है। उनके सभी गीत सुपरहिट रहे। उन्हीं गीतों में से कुछ गीत नीचे लिखे है जो आज भी लोगों के दिलों पर राज किये हुए है। उनके गीत कैले बाजे मुरुली, हाय तेरी रुमाला, बेडू पाको बारो मासा, घुघुती ना बासा, हिमालय को ऊंचा डाना, काली गंगा को कैलो पाणि, जय मैया दुर्गा भवानी, ओ भिना कसिके जानू, रूपसा रमोती, निकाटू झुगराली बाजा जैसे गीतों से उन्होंने समाज को जागरूक करने का काम कि या। इसके अलावा नारी वेदना से लेकर प्रकृति सौंदर्य , जन समस्या तक को अपनी गायकी से अपनी लेखनी से लोगों को जागरूक किया।

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25 दिसंबर को मुंबई में मनाई पुण्यतिथि

उत्तराखंड के लोगगायक देवकीनंदन कांडपाल ने जानकारी देते हुए बताया कि दिसंबर माह में गोस्वामी जी की पुण्यतिथि मनाई जाएगी। इस कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष हयात सिंह राजपूत, दीवान सिंह, भैरव दत्त शर्मा, आशा कांडपाल, शेखर उपाध्याय, प्रदीप रावत, कमल बेलाल, जसवन्त बिष्ट , मोहन सिंह बिष्ट की एक बैठक भी हो चुकी है जिसमेें आगामी 25 दिसंबर पुण्यतिथि मनाने पर सहमति बनी है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।