उत्तराखंडः रिलीज हुआ “जय डोबरी माई” भजन, फिर चला लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी की सुरीली आवाज का जादू…

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Haldwani News: उत्तराखंड के सुपरस्टार लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी का नया भजन इन दिनों लोगों को खूब भा रहा है। लंबे समय बाद आये इस भजन की लोगों ने जमकर तारीफ की है। इससे पहले लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी गोपुलि जैसे सुपरहिट गीतों से बड़ा नाम कमा चुके है। अब उनका भजन “जय डोबरी माई” ने पहाड़ की देवी के गुणवान और उनके चमत्कार को लोगों तक पहुंचाने का काम किया है। यह भजन उनके यूट्यूब चैनल आरबीजी गोपाल बाबू गोस्वामी पर सुनने को मिल जायेगा। आगे पढ़िए…

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पहाड़ प्रभात से खास बातचीत में लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने बताया कि देवभूमि में कण-कण में भगवान निवास करते है। पहाड़ों में हमारे कई देवी-देवताओं के मंदिर बसे है, जिनमें लोगों की गहरी आस्था है। ऐसे में जय डोबरी माई की आस्था को लेकर इस भजन को उन्होंने खुद लिखा है। जबकि संगीत सागर सिलौड़ी ने दिया है। इस गीत के निर्माता और निर्देशक सामाजिक कार्यकर्ता लाल सिंह गड्डू दा है। उन्होंने भजन में रमेश बाबू के साथ अपने अभिनय से दर्शकों को दिल जीता है। सामाजिक कार्यकर्ता लाल सिंह गड्डू दा सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है। अब इस भजन में अभिनय कर उन्होंने लोगों की खूब वाहवाही लूटी है।

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लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने बताया कि जल्द उनके कई नये गीत रिलीज होने जा रहे है। जो लोगों को खूब पसंद आयेंगे। पहाड़ की रीति-रिवाज और विलुप्त हो रही चीजों को लेकर वह नया गीत लेकर आने वाले है। इस साल उनके कई गीत लोगों को सुनने को मिलंेंगे। उनके यूट्यूब चैनल 80 हजार से ऊपर सब्सक्राइबर हो चुके है। उनके गोपुलि गीत डेढ़ करोड़ से ऊपर व्यूज मिले है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोगों ने उनके गीतों को प्यार दिया है। वैसे ही प्यार आने वाले गीतों को भी मिलेगा। उन्हें पूरी उम्मीद है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।