उत्तराखंडः पीआरडी जवानों को मिलेगा 300 दिन का रोजगार, शैक्षिक योग्यता में भी होगा बदलाव

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Uttarakhand News: अब पीआरडी जवानों को 300 दिन का रोजगार मिलेगा। विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे कैबिनेट में जल्द लाया जाएगा। विभाग में नौ हजार जवान हैं, जिनके विभिन्न विभागों में उनके तैनाती के रास्ते खुलेंगे। पीआरडी जवानों की सेवानिवृत्ति की आयु भी 50 से बढ़ाकर 60 वर्ष की जाएगी और महिला पीआरडी को मातृत्व अवकाश के लिए नियमावली संशोधित की जाएगी। यह बात मंत्री रेखा आर्य ने की।

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मं़त्री रेखा आर्य ने विधानसभा स्थित कक्ष में विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि, पीआरडी कर्मचारियों की अब तक शांति व्यवस्था को लेकर पुलिस के साथ ड्यूटी लगाई जाती है। अब खेल प्रशिक्षक, क्लर्क, माली, चैकीदार, कंप्यूटर ऑपरेटर, वाहन चालक आदि के रूप में विभिन्न विभागों में उनकी तैनाती का रास्ता खुलने जा रहा है। जिस विभाग में पीआरडी जवानों को लगाया जाएगा, मानदेय की व्यवस्था उस विभाग को करनी होगी। सेवा में रहते हुए पीआरडी जवानों की मृत्यु पर उनके आश्रित को नियुक्ति के लिए भी नियमावली में संशोधन के निर्देश दिए गए हैं।

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पीआरडी जवानों की सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त धनराशि मिले इसके लिए उनके एक दिन के मानदेय में सरकार अंशदान जोड़कर एकमुश्त आर्थिक सहायता देगी। जल्द शासनादेश जारी किया जाएगा।

बैठक में निर्णय लिया गया है कि पीआरडी जवानों को इसी सप्ताह मानदेय के रूप में 14 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा एसडीआरएफ के साथ ड्यूटी में लगे 59 जवानों का मानदेय भी जल्द जारी किया जाएगा। पीआरडी जवानों की भर्ती में शैक्षिक योग्यता आठवीं कक्षा पास के स्थान पर 10वीं की जाएगी। वहीं भर्ती की आयु सीमा 18 से 45 वर्ष के स्थान पर 18 से 30 वर्ष की जाएगी। निदेशालय स्तर पर इसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।