उत्तराखंड: 5 करोड़ के पार पहुंचा थल की बजारा गीत, लोकगायक बीके सामंत का जलवा बरकरार

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Haldwani News- (Jeevan Raj): उत्तराखंड के सुपरस्टार लोकगायक बीके सामंत के गीत थल की बाजरा का जलवा अभी भी बरकार है। लोग लगातार इस गीत पर शादियों और पार्टियों में थिरकरहे है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि अभी तक यह गीत यू-ट्यूब पर 53473093 व्यूज के साथ अपना दबदबा बरकार रखा है। लोक गायक बीके सामंत का यह गीत उत्तराखंड ही नहीं देश-विदेशों मेें भी लोगों की पहली पसंद बना। उत्तराखंड के लोकसंगीत को मुकाम तक पहुंचाने में लोक गायक बीके सामंत का बड़ा योगदान रहा है। पहली बार उन्होंने उत्तराखंड के संगीत पर नया प्रयोग किया और वह सफल साबित भी हुए। आज उनके हजारों फॉलोवर है।

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लोकगायक बीके सामंत ने कहा कि जिस तरह से लोगों ने उन्हें प्यार दिया है। उससे उनका और ज्यादा आत्मविश्वास बढ़ा है। जल्द ही उनके नये गीत लोगों के बीच आयेंगे। फिलहाल अभी उनपर काम चल रहा है। इससे पहले उनके गीत यो मेरो पहाड़, थल की बजारा, तू ऐ जाओ पहाड़, सात जनम सात वचन, पंचेश्वर बांध, देवताओं को थान जैसे गीतों से लोगों को दिलों पर राज कर चुके है।

उत्तराखंड के लोकगायक बीके सामंत B. K. Samant हमेशा ही पहाड़ की पीड़ा को अपने गीतों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का काम करते है। लोकगायिकी में आने के बाद बीके सामंत ने उत्तराखंड के संगीत को एक नया मुकाम दिया। अपने गीत मेरो पहाड़, तू ऐ जा ओ पहाड़ से जहां उन्होंने पहाड़ की खूबसूरती और पलायन के दर्द को बंया किया वहीं। थल की बजारा जैसे सुपरहिट गीत से उत्तराखंड के संगीत प्रेमियिों को खूब थिरकाने का काम किया। काफी कम समय में बीके सामंत B. K. Samant जैसे लोकगायक ने उत्तराखंड के संगीत जगत में अपनी आवाज से जो अमिट छाप छोड़ी है वह उत्तराखंड संगीत के इतिहास में बन गया है।

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लोकगायक बीके सामंत B. K. Samant ने बताया कि उनका उद्देश्य पहाड़ की संस्कृति को बचाने का है। जिसे वह बखूबी निभा रहे है। जिस तरह से बीके सामंत B. K. Samant अपने गीतों के माध्यम से लोगों के दिलों पर राज करते है। वाकई में यह एक लोकगायक के लिए बड़ी बात है। वैसे भी पहाड़ में लोकगायक बीके सामंत B. K. Samant जैसे गायक काफी कम है जो खुद अपना गाना लिखने के साथ ही म्यूजिक भी खुद ही तैयार करते है। उत्तराखंड के सुर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी जी के बाद जिसे लोकगायक ने युवाओं और बुर्जुगों के दिलों पर अपनी जगह बनाई है। वह नाम सिर्फ बीके सामंत का है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।