उत्तराखंड: नहीं रहे चिपकों आंदोलन के प्रणेता बहुगुणा, यहां ली अंतिम सांस

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Pahad Prabhat News Uttarakhand: प्र्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंंदरलाल बहुगुणा का ऋषिकेश एम्स में निधन हो गया। उनके निधन से पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गई। 94 साल के बहुगुणा लंबे समय से बीमार चल रहे थे। हाल ही में वह कोरोना पॉजिटिव निकले थे। बहुगुणा का उपचार ऋषिकेेश एम्स में चल रहा था। आठ मई को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी।

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चिपको आंदोलन के प्रेणता हुगुणा ने कई पुरस्कार अपने नाम किये है। पूरे विश्व को उन्होंने एक बड़ा संदेश दिया थे। उनके निधन पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गहरा दुख व्यक्त किया है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।