उत्तराखंड: घर-घर फौजी, हर घर फौजी, पहाड़ के युवाओं को ऐसे सजग कर रहे सोमेश्वर के फौजी अनिल राणा…
PAHAD PRABHAT EXCLUSIVE: (JEEVAN RAJ)- सोमेश्वर क्षेत्र धीरे-धीरे प्रगति की ओर बढ़ रहा है। इसे आगे बढ़ाने में कई लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है जबकि वर्तमान में कई सामाजिक कार्यकर्ता लगातार युवाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे है। पहले सेना में रहकर देश की रक्षा के लिए सीमा पर तत्पर रहे, अब क्षेत्र में रहकर सामाजिक कार्यों के जरिये युवाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे है। वह सख्स है सेना से रिटायर्ड पूर्व फौजी अनिल सिंह राणा। जिनकी जितनी तारीफ की जाय उतनी कम है।
सोमेश्वर में पहली बार हुई मैराथन दौड़
सेना से रिटायर्ड होने के बाद सोमेश्वर तहसील के रैत गांव निवासी अनिल सिंह राणा क्षेत्र में युवाओं को आगे बढ़ाने में जुटे है। हाल ही में स्वतत्रंता दिवस के अवसर पर उन्होंने मैराथन दौड़ का आयोजन किया, जिसमें क्षेत्र के युवाओं ने बढक़र प्रतिभाग किया। यह सोमेश्वर के इतिहास में पहली बार हुआ जब क्षेत्र में मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। पूर्व फौजी ने जिस तरह से युवाओं को जागरूक करने का प्रयास किया वह सराहनीय है। क्षेत्र के लोगों ने उनकी जमकर तारीफ की। पूर्व फौजी राणा ने बताया कि आगे भी वह क्षेत्र में युवाओं के भविष्य को लेकर कई तरह की प्रतियोगिता करने की तैयारी में जुटे है।
दुकान को बनाया रोजगार का जरिया
सेना से रिटायर्ड होने के बाद अनिल सिंह राणा ने सोमेश्वर बाजार में नमन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल्स के नाम से एक दुकान की शुरूआत की। राणा बताते है कि सबसे कम और उचित दामों में उनके यहां बिजली का हर सामान उपलब्ध है। उनके यहां एलईडी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, गीजर, हीटर, प्रेस, पंखा, मिक्सी सहित सभी तरह के मोबाइल व बिजली का सामान उपलब्ध है। लोगों को अल्मोड़ा या रानीखेत जाने की जरूरत नहीं है। उन्हें कम दामों में सोमेश्वर में हर सामान उपलब्ध मिल जायेगा।
मेरा सपना घर-घर फौजी, हर घर फौजी
अनिल सिंह राणा युवाओं को सेना में भर्ती के टिप्स में देते है। इसके अलावा युवाओं का हौंसला बढ़ाते है। अनिल राणा कहते है कि फौजी कभी रिटायर नहीं होता। एक फौजी को ट्रेनिंग ही इस तरह की होती है कि वह देश और समाज के लिए हर स्थिति में काम आए। उन्होंने कहा कि कई ऐसे उदाहरण है जब सेवानिवृत्त हो चुके सैनिकों ने सामाजिक जीवन में भी मिसाल कायम की हैं। उनका सपना है कि घर-घर फौजी, हर घर फौजी हो।