उत्तराखंड: देवभूमि के लिए गौरव का पल, शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति आज बनेगी सैन्य अफसर…

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DEHRADUN NEWS: देवभूमि उत्तराखंड को यूं ही वीरों की भूमि नहीं कहा जाता है। यहां हर घर से एक फौजी निकलता है। देशभक्ति के भावना उत्तराखंड के लोगों में कूट-कूट कर भरी है। देवभूमि के कई वीरों ने भारत मां की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे दिया। यहां के युवाओं की पहली चाहत सेना में भर्ती होना रहता है। कई शहीदों ने अपनी वीरगाथा से देवभूमि का नाम रोशन किया है। इन्हीं में से एक शहीद का नाम है दीपक नैनवाल।

इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा नाम

जिनकी शहादत को देश नहीं भूल सकता है। अब भारतीय सेना का हिस्सा देवभूमि की बेटियां भी बन रही है। इससे पहले कई बेटियां आर्मी में भर्ती हो चुकी है। लेकिन इन्हीं में से कुछ वीरांगनाओं ने अपने पति के शहीद होने के बाद सैन्य वर्दी पहनी है। इससे पहले आपने शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी निकिता, शहीद शिशिर मल्ल की पत्नी संगीता और शहीद अमित शर्मा की पत्नी प्रिया सेमवाल भी सैन्य वर्दी में देखा होगा। इसी क्रम में एक और नाम जुड़ चुका है। अब शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति सैन्य वर्दी धारण करेगी।

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आज पासआउट होगी ज्योति

पति की शहादत के बाद अपने दर्द को पीछे छोडक़र साहस की नई इबारत लिखने के लिए ज्योति अब पूरी तरह से तैयार हैं। अब वह देश की सेवा के लिए उनकी ही राह पर चल पड़ी हैं। ज्योति सेना में अफसर बनने जा रही हैं। ज्योति आज चेन्नई स्थित आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से पास आउट होंगी। देहरादून जिले के हर्रावाला निवासी नायक दीपक नैनवाल दस अप्रैल 2018 को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकी मुठभेड़ में तीन गोलियां लगने के बाद घायल हुए थे। उपचार के दौरान वह शहीद हो गये। पति की शहादत के बाद पत्नी ज्योति ने देशसेवा की राह चुनी। शहीद दीपक नैनवाल का बेटा रेयांश भी आगे चलकर फौजी ही बनना चाहता है।

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तीन पढिय़ों से कर रहे है देशसेवा

बता दें कि शहीद दीपक नैनवाल के परिवार की तीन पीढिय़ा देश सेवा से जुड़ी रही हैं। दीपक के पिता चक्रधर नैनवाल भी सेना से रिटायर्ड हैं। उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध, कारगिल युद्ध व कई अन्य आपरेशन में हिस्सा लिया। दीपक के दादा सुरेशानंद नैनवाल स्वतंत्रता सेनानी थे।

पहाड़ प्रभात डैस्क

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।