उत्तराखंड:(दु:खद)- सबको रुलाकर चले गए प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद, देवभूमि में शोक की लहर

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उत्तराखंड के जाने-माने हास्य कलाकार घनानंद का आज सुबह निधन हो गया। वे पिछले पांच दिनों से देहरादून के श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में आईसीयू में भर्ती थे और वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। चिकित्सकों की टीम लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए थी, लेकिन उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। आज उनके निधन की खबर से उत्तराखंड के संगीत और कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई। घनानंद के निधन से उत्तराखंड के कला प्रेमियों और उनके प्रशंसकों को गहरा दुख पहुंचा है। उनके जाने से उत्तराखंड के हास्य और लोक नाट्य जगत में एक अपूरणीय क्षति हुई है।

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घनानंद को प्रोस्टेट संबंधी समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले, 2017 में हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्हें पेसमेकर लगाया गया था। उनके इलाज को लेकर दरबार साहब के श्री महंत देवेंद्र दास महाराज ने भी विशेष निर्देश दिए थे। उनके बेटे सुशांत ने बताया कि उनकी तबीयत पहले जैसी ही बनी हुई थी और कोई सुधार नहीं हो रहा था।

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घनानंद का जन्म 1953 में गढ़वाल मंडल में हुआ था। उनकी शिक्षा लैंसडाउन, जिला पौड़ी में हुई। उन्होंने 1970 में रामलीला से अपने अभिनय सफर की शुरुआत की और हास्य कलाकार के रूप में पहचान बनाई। इसके बाद वे उत्तराखंड की कई लोकप्रिय फिल्मों में नजर आए, जिनमें घरजवैं, चक्रचाल, बेटी-ब्वारी, जीतू बगडवाल, सतमंगल्या, ब्वारी हो त यनि, घन्ना भाई एमबीबीएस, घन्ना गिरगिट और यमराज जैसी फिल्में शामिल हैं।

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साल 1974 में उन्होंने रेडियो और दूरदर्शन पर भी कई कार्यक्रम किए, जिससे वे और भी लोकप्रिय हो गए। उनकी हास्य शैली और लोकभाषा में संवाद बोलने की कला ने उन्हें दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया था।

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जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।