उत्तराखंडः दीवान-अजय की जुगलबंदी ने मचाया धमाल, “सलम चौकीदारा” से लौट आया पुराना लोकसंगीत

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हल्द्वानी। (जीवन राज)– उत्तराखंड की लोकसंगीत परंपरा एक बार फिर अपने पुराने रंग में लौट आई है। इस बार सुरों का यह जादू रचा है पहाड़ के दो सुप्रसिद्ध चर्चित लोकगायकों दीवान सिंह कनवाल और अजय ढौढियाल ने। इन दोनों की जोड़ी ने हाल ही में नया गीत सलम चौकीदारा रिलीज किया है, जो संगीत प्रेमियों के बीच जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर रहा है।

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जी हां सुप्रसिद्ध लोकगायक दीवान कनवाल अपने साथी लोकगायक अजय ढौढियाल के साथ एक बार फिर समचे पहाड़ में अपने गीत सलम चौकीदारा से धमाल दिया है। यह गीत की संगीत प्रेमियों ने इसकी जमकर सराहना की। बुर्जुगों को ही नहीं, बल्कि युवाओं को भी यह गीत भा गया। आजकल के कानफोड़ू गीतों और संगीत से बिल्कुल ही अलग हमारे पुराने शुद्ध शब्दों में सलम चौकीदारा गीत सुनकर बचपन की यादें ताजा हो गई। अंतरे तो ऐसे की आपको सीधे सुंदर पहाड़ों की याद ताजा करा दे। इस गीत की जितनी तारीफ की जाय उतनी कम है।

करीब 35 साल से उत्तराखंड की संस्कृति को संवारने सजाने वाले अल्मोड़ा निवासी सुप्रसिद्ध लोकगायक दीवान सिंह कनवाल अपने गीत से सभी का दिल जीता है। इस गीत में उनका साथ दिया है। लोकगायक अजय ढौढियाल ने। दोनों की जोड़ी ऐसी छायी है कि सुर से सुर और ताल से ताल मिलाकर सलम चौकीदारा ने कमाल ही कर दिया है।

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यह गीत लोकगायक दीवान सिंह कनवाल के यूट्यूब चैनल से रिलीज हुआ है। इस गीत के लेखक स्व. बालम सिंह जनौटी थे। अब इसे लोकगायक दीवान सिंह कनवाल और अजय ढौढियाल ने गाया है। जबकि म्यूजिक रंजीत सिंह ने दिया है। इससे पहले लोकगायक दीवान सिंह कनवाल ने दाज्यू मेरी घरवाई रिषे गे, आज कुछे मैत जा, कस भिड़े कुनई पंडित ज्यू कस करछा ब्या जैसे सुपरहिट गीतों ने अपनी एक अलग पहचान उत्तराखंड के संगीत जगत में छोड़ी है। दीवान कनवाल ने करीब 100 से ज्यादा कुमाऊंनी गीत गाए हैं, जिनको लोग आज भी पसंद करते हैं। आज भी पहाड़ों में उनके सुरों का जादू बरकरार है। ऊपर लिंक पर क्लिक कर आप इस गीत का आनंद ले सकते है।

पहाड़ प्रभात डैस्क

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।