उत्तराखंड: सीएम ने किया विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 में प्रतिभाग

खबर शेयर करें

Dehradun News: आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं। ये हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारे प्रदेश में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और 6000 से अधिक विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। एक्सपो में लगाए गए 250 से अधिक स्टॉल आयुर्वेद की वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता का प्रमाण दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन आयुर्वेद के क्षेत्र में परस्पर ज्ञान साझा करने व विभिन्न शोध कार्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ सहयोग और व्यापार के नए अवसरों को बढ़ावा देगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से राज्य सरकार भी प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वर्तमान में हमारे राज्य में आयुष आधारित 300 ‘आयुष्मान आरोग्य केंद्रों’ का संचालन हो रहा है।

उन्होंने बताया कि ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से 70 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा आयुष परामर्श प्रदान किया जा रहा है। अब प्रत्येक जनपद में 50 बेड और 10 बेड वाले आयुष चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा सरकार प्रत्येक जनपद के एक गांव को मॉडल आयुष गांव के रूप में स्थापित कर आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आयुष निर्माण, वेलनेस, शिक्षा, शोध और औषधीय पौधों के उत्पादन को गति प्रदान करने के लिए ‘उत्तराखण्ड आयुष नीति’ लागू कर चुकी है। प्रदेश सरकार आगामी वर्षों में आयुष टेली-कंसल्टेशन प्रारम्भ करने के साथ-साथ 50 नए योग और वेलनेस केंद्र स्थापित करने हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

यह भी पढ़ें 👉  News Live: उत्तराखंड में फिर बदला मौसम, आज इन जिलों में बारिश की संभावना

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड प्राचीन काल से ही आयुर्वेद और औषधीय संपदा की प्रज्ञा भूमि रही है। हमारे प्रदेश में पाए जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों ने आयुर्वेद को आरोग्य के आधारभूत तत्व के रूप में स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित ‘राष्ट्रीय आयुष मिशन’ और ‘प्रकृति परीक्षण अभियान’ जैसे विभिन्न कार्यक्रम आज शहरों से लेकर गांवों तक आरोग्य स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने एक्सपो का विधिवत शुभारंभ करने के बाद स्टॉल का भी निरीक्षण किया।

कार्यक्रम में केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप राव जाधव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस साल के दौरान आयुष के क्षेत्र में हुई पहलों से आयुष उत्पाद निर्माण में आठ गुना बढ़ोत्तरी हुई है। अब आयुष और हर्बल उत्पाद विश्व के 150 से अधिक देशों में निर्यात हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भी अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग उपकरणों के जैसी तकनीकी को अपना कर आगे बढ़ रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी: वार्ड 37 में पार्षद विद्या देवी ने लगाया निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर, 135 लोगों ने उठाया लाभ

प्रताप राव जाधव ने कहा कि भारत में लोग सामान्य तौर पर आयुर्वेद से उपचार पसंद करते हैं, लेकिन गांव देहात में तक डॉक्टर एलोपैथिक दवाओं का ज्यादा परामर्श देते हैं। ऐसा शायद इसलिए होता है क्योंकि आयुर्वेद की एक तो दवा कम है, फिर सारे रोगों की सारी दवाएं एक ही जगह पर मिलनी तकरीबन मुश्किल होती हैं। इसलिए केंद्र सरकार सभी जिला, तहसील और गांव स्तर पर एक ही छत के नीचे आयुर्वेद की सभी दवाएं उपलब्ध कराने के लिए आयुष औषधि केंद्रों की स्थापना करने का प्रयास कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चार दिनों तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान आसपास के हजारों लोग यहां स्टॉल का भ्रमण करेंगे। यह आयोजन व्यावसायिक अवसरों के लिए भी मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए ही केंद्र सरकार ने देशभर में 29 अक्तूबर से प्रकृति परीक्षण अभियान शुरू किया है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: इस जिले में भूकंप के झटके, तीव्रता 3.5 से कांपी धरती

कार्यक्रम में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के आयोजन से आयुष पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने में मदद तो मितती ही है, साथ ही आयोजन वाले क्षेत्र के आसपास इस सेक्टर की ग्रोथ भी बढ़ती है। उन्होंने इस आयोजन के लिए उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बताते हुए कहा कि आयुर्वेद की पुस्तकों में वर्णित कई जड़ी बूटियां हिमालय में मिलती हैं।

सम्मेलन में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर भेजे गए संदेश को पढ़ा। उद्घाटन सत्र को राष्ट्रीय आयोजन सचिव, विज्ञान भारती डॉ. शिव कुमार शर्मा, दसवें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के चेयरपर्सन वैद्य पीएम वॉरियर, उत्तराखण्ड शासन में सचिव आयुष रविनाथ रामन ने भी संबोधित किया। इस मौके पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, सविता कपूर, उमेश शर्मा काऊ, किशोर उपाध्याय, झांसी के सांसद अनुराग शर्मा, आचार्य बालकृष्ण प्रमुख तौर पर शामिल हुए।

Ad Ad Ad Ad Ad

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।