उत्तराखंड: सीएम धामी ने खेतों में निभाई सांस्कृतिक की जिम्मेदारी, हुड़किया बौल के साथ की धान की रोपाई

खटीमा: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नगरा तराई क्षेत्र में अपने खेत में स्वयं धान की रोपाई कर न केवल किसानों के श्रम और समर्पण को नमन किया, बल्कि राज्य की समृद्ध ग्रामीण परंपराओं से भी जीवंत जुड़ाव स्थापित किया। यह दृश्य न सिर्फ एक मुख्यमंत्री के खेतों में उतरने का था, बल्कि उत्तराखंड की मिट्टी, मेहनत और संस्कृति से एकात्म होने का प्रतीक बन गया।
मुख्यमंत्री धामी ने खेत में काम करते हुए कहा कि यह अनुभव उन्हें पुराने दिनों की यादों में ले गया, जब वे स्वयं किसान परिवार से जुड़े रहते हुए खेतों में श्रम करते थे। उन्होंने कहा कि “अन्नदाता” केवल खाद्यान्न उत्पादन तक सीमित नहीं हैं, वे हमारी संस्कृति, परंपरा और लोकजीवन की धुरी हैं। उनके परिश्रम और सादगी में ही उत्तराखंड की आत्मा बसती है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पारंपरिक “हुड़किया बौल” के माध्यम से भूमिया देव, इंद्र देव और मेघ देवता का आह्वान कर उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को सम्मानपूर्वक जीवंत किया। यह पहल न केवल लोककलाओं के संरक्षण का संदेश देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि नेतृत्व जब धरातल से जुड़ता है, तो संस्कृति स्वतः सशक्त होती है।
सीएम धामी की यह पहल उत्तराखंड की मिट्टी की खुशबू, वहां की संस्कृति और कृषक समाज के महत्व को नई पीढ़ी के समक्ष प्रस्तुत करने का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। यह क्षण हमें याद दिलाता है कि उत्तराखंड की असली शक्ति उसके गांव, खेत और लोकसंस्कृति में ही बसती है।










