हल्द्वानी: सितार-राग की धुनों और प्रेरक विचारों से गूंजा उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का परिसर

Haldwani News: उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) में 20 वर्षों की प्रगति और 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दूसरे दिन की शुरुआत सितार और राग की मधुर प्रस्तुति से हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ ’’गोविंद बल्लभ पंत संग्रहालय, अल्मोड़ा’’ द्वारा आयोजित ’उत्तराखंड के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की पोस्टर प्रदर्शनी’ से हुआ, जिसका अवलोकन मुख्य अतिथि ’’राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनटीए) के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप कुमार जोशी’’ और कुलपति ’’प्रो. नवीन चंद्र लोहनी’’ ने किया।
मुख्य अतिथि प्रो. जोशी ने कहा कि छोटी-छोटी सकारात्मक बातें ही हमें एक अच्छा इंसान बनाती हैं। विश्वविद्यालय हर कर्मचारी की मेहनत से बनता है और समाज के हर तबके के लिए सोचना प्रत्येक शिक्षार्थी व शोधार्थी का कर्तव्य है। उन्होंने शोध को समाज से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि अपने शहर व विश्वविद्यालय को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी समुदायों को खुद लेनी चाहिए।
यूओयू के आईटी एवं कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर व यूकॉस्ट के महानिदेशक ’’प्रो. दुर्गेश पंत’’ ने 20 वर्षों की यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि किराए के कमरों से शुरू हुआ यह संस्थान आज अपने विशाल भवनों में कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय को ’बी प्लस प्लस ग्रेड’ और ’12(ठ) मान्यता’ प्राप्त है। ओपन लर्निंग के बढ़ते महत्व और एआई-आधारित (।प्-मदंइसमक) पाठ्यक्रमों की संभावनाओं पर भी उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला।
कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने विश्वविद्यालय के प्रचार-प्रसार में सोशल मीडिया की अहम भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक सदस्य अपने नेटवर्क में पाठ्यक्रमों की जानकारी साझा करे, ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें। कार्यक्रम में ’’रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल’’ एवं ’’वनमाली सृजन संयुक्त अभियान’’ द्वारा पोस्टर का विमोचन और ’विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड’ का शुभारंभ हुआ।
दूसरे सत्र में ’’भारतीय वन अनुसंधान केंद्र, देहरादून’’ के वरिष्ठ वैज्ञानिक ’’प्रो. यशपाल सिंह’’ ने शिक्षा के मूल उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि अवधारणाएं स्पष्ट हों तो शिक्षा आनंददायी बनती है। वहीं ’’मानसखंड विज्ञान केन्द्र’’ के वैज्ञानिक ’’प्रो. जीसीएस नेगी’’ ने शोध को सत्य की तह तक पहुंचने का माध्यम बताया।
इस अवसर पर मंच पर ’’प्रो. पी.डी. पंत, प्रो. मंजरी अग्रवाल, प्रो. एम.एम. जोशी, प्रो. गिरिजा प्रसाद पांडे, प्रो. राकेश चंद्र रयाल, डॉ. शशांक शुक्ला, डॉ. नागेंद्र गंगोला’’ समेत विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य और शोधार्थी उपस्थित रहे।




















