रुद्रपुर: बिना डिग्री के लोगों को ज्ञान बांट रहा बाबा, एलोपैथी चिकित्सकों पर बयानबाजी के बाद देशभर में उबाल

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रुद्रपुर। बाबा रामदेव के बयाान के बाद एलोपैथी डॉक्टरों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। ऐसे में देशभर के चिकित्सक बाबा रामदेव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे है। विगत दिवस आईएमए ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और मुख्य सचिव ओम प्रकाश को पत्र भेजा है। आईएमए ने बाबा रामदेव को नोटिस भेजकर 14 दिन में जवाब मांगा है। बाबा के बयान के बाद पूरे देशभर के चिकित्सकों में उबाल है।

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बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर टिप्पणी पर के बाद आईएमए रुद्रपुर के अध्यक्ष डॉ अजय और सचिव डॉ. मंदीप सिंह समेत सभी चिकित्सकों का कहना है कि आज आईएमए के सदस्यों ने कहा कि बाबा राम देव खुद कह रहे हैं, कि उनके पास कोई डिग्री नहीं और वो आयुर्वेद के डॉक्टर भी नहीं। तो वह टीवी चैनलों पर आकर खुलेआम आयुर्वेदिक दवाएं लेने की सलाह दे रहे हैं। क्या सरकार में इतना साहस है कि वो ऐसे झोलाछाप के खिलाफ कार्यवाही कर सके। रामदेव का कही रजिस्टे्र्रशन नहीं है। ऐसे में वह ऐलौपैथी चिकित्सा पद्धति पर सवाल उठाते है। बाबा खुद पतंजलि में कई महीनों से खुद को कोरोना के डर से आइसोलेट किया हुआ है। कोरोना मरीजों की देखरेख में कई चिकित्सकों की जानें चली गई है लेकिन ऐसे में लोग बाबा की जय-जयकार में लगे हुए है।

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उन्होंने कहा कि अपनी जान जोखिम में डालकर चिकित्सक कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे। ऐसे में रामदेव का यह बयान चिकित्सकों के मनोबल तोडऩे का काम कर रहा है। इससे पहले भी बाबा रामदेव के द्वारा इस तरह की बयानबाजी की गई थी, जिसके बाद केंद्र सरकार के सख्त रुख के चलते बाबा रामदेव ने बयान को वापस ले लिया। वहीं अब दोबारा बाबा रामदेव एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति पर हमलावर हो गए हैं। सभी चिकित्सकों ने रामदेव के खिलाफ कार्यवाही मांग की है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।