पढ़िये अजय पांडे की कलम सेः तेरी-मेरी कहानी…

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महसूस करता हूं तेरे एहसाह को अब में
तू अब मेरी रूह में बस गयी है।
कब खत्म होगा इंतजार मेरा,
तू अब मेरी जरूरत सी बन गई है।।
ख्वाब बुनने लगा हूं तेरे साथ अब में,
तू अब मेरी हकीकत बन गयी है
ये दिल धड़कता है तेरे इंतजार में
तू अब मेरी धड़कन सी बन गयी है।।
मुलाकात तेरे से इशारा था रब का,
तू मेरी अब हर एक सांस बन गयी है।
साथ तेरा दूंगा हर पल हर क्षण,
प्रिये तू अब मेरी जिंदगी बन गयी है।।
अजय पाण्डे, हल्द्वानी।।

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संपादक - जीवन राज ईमेल - [email protected]

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