हल्द्वानीः सपनों को सच करना कोई चंदन जोशी से सीखें, अब मिलेगा उत्तराखंड द्रोणा रत्न सम्मान
Haldwani News: यश इवेंट एंड मैनेजमेंट के डायरेक्टर विशाल शर्मा ने बताया कि उनका उद्देश्य उत्तराखंड के उन प्रतिभाशाली व्यक्तियों को पहचान और सम्मान दिलाना है, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों जैसे सामाजिक कार्य, राजनीति, खेल, संस्कृति, और टूरिज्म में उत्कृष्ट योगदान दिया है। इस साल का उत्तराखंड द्रोणा रत्न अवार्ड समारोह 22 दिसंबर को रामनगर में आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में चंदन जोशी के साथ अन्य प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया जाएगा।
उत्तराखंड द्रोणा रत्न अवार्ड के लिए चुने गये चंदन जोशी का जीवन उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने का हौसला रखते हैं। 1990 के दशक में, उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में चंदन ने मात्र 700 रुपये प्रतिमाह की तनख्वाह पर एक कपड़ों की दुकान में काम करना शुरू किया। उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था और इस वजह से उन्हें अपनी युवावस्था में ही कई संघर्षों का सामना करना पड़ा। लेकिन चंदन ने कभी हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करते रहे।
कई वर्षों तक नौकरी करने के बाद, चंदन ने महसूस किया कि अगर वह अपने सपनों को सच करना चाहते हैं, तो उन्हें अपने दम पर कुछ करना होगा। इस सोच के साथ उन्होंने 2016 में अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया। इस सफर की शुरुआत आसान नहीं थी, लेकिन चंदन ने अपनी मेहनत, ईमानदारी और सकारात्मक दृष्टिकोण के बल पर हर मुश्किल को पार किया। इसके बाद 02 अक्टूबर 2016 को उन्होंने होम फिनिशिंग नाम से एक व्यापारिक प्रतिष्ठान की शुरुआत की। उनका उद्देश्य ग्राहकों को बेहतरीन उत्पाद और सेवाएं प्रदान करना था। अपने ग्राहकों के प्रति सच्चाई और अपने कर्मचारियों के साथ मधुर व्यवहार ने उन्हें जल्दी ही पहचान दिलाई। इस सफलता ने उन्हें आत्मविश्वास दिया और उन्होंने होम अट्रैक्शन के नाम से अपनी दूसरी शाखा शुरू की।
चंदन का व्यापार धीरे-धीरे बढ़ता गया। ग्राहकों की संतुष्टि और कर्मचारियों की मेहनत ने उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाई। उनका ध्यान न केवल व्यापार को बढ़ाने पर था, बल्कि उन लोगों को रोजगार देने पर भी था, जो उनके जैसे ही संघर्ष कर रहे थे। आज चंदन के प्रतिष्ठानों में दर्जनों लोग काम कर रहे हैं, और वह अपने कर्मचारियों को एक परिवार की तरह मानते हैं। उनकी सफलता के पीछे उनका संघर्ष, मेहनत और आत्मनिर्भर बनने की चाह है। वह जल्द ही अपने तीसरे प्रतिष्ठान की शुरुआत करने की तैयारी कर रहे हैं। यह उनकी दूरदर्शिता और अथक प्रयासों का परिणाम है कि आज वह न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं, बल्कि समाज के अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बन चुके हैं।
चंदन जोशी का जीवन हमें यह सिखाता है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों न हों, अगर आप में धैर्य, मेहनत और कुछ कर दिखाने का जज्बा है, तो आप अपनी किस्मत खुद लिख सकते हैं। उनका जीवन यह भी दिखाता है कि असफलताओं से घबराने के बजाय उनसे सीखना और आगे बढ़ना ही सच्ची सफलता है। अब ऐसे लोगों में चंदन जोशी का नाम भी जुड़ चुका है जिन्हें उत्तराखंड द्रोणा रत्न अवार्ड के लिए चुना गया है।