हल्द्वानी: लोकगायक रमेश बाबू के सुरों में मंत्रमुग्ध हुए पूर्व सीएम हरीश रावत, ऐसे दिया खास सम्मान…

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HALDWANI NEWS: राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड के सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी के सुपुत्र लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी से मुलाकात की। इस दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत ने सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी को याद किया। उनके सुपुत्र लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने उन्हें अपने पिता सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी के गीत भी सुनाये।

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पूर्व सीएम हरीश रावत ने उनके सुपुत्र लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी के गले मेें पुष्प की माला डालकर उन्हें सम्मनित किया। पूर्व सीएम ने कहा कि सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी उत्तराखंड की धरोहर थे। उन्होंने उत्तराखंड में संगीत का बीज बोया। उत्तराखंड के संगीत जगत में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। जिससे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इस मौके पर लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने अपने पिता गोपाल बाबू गोस्वामी जी के गीतों को सुनाकर पुरानी यादें ताजा कर दी। इस दौरान जागेश्वर विधायक गोविंद कुंजवाल भी उनके साथ मौजूद रहे। उन्होंने भी लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी के सुरों की तारीफ की।

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पुत्र के जुबां से उनके पिता के गीतों को पूर्व सीएम भावविभोर हो गये। उन्होंने लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी के सुरों की जमकर तारीफ की। बता दें कि सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी ने कई दशकों तक उत्तराखंड के संगीत जगत में राज किया। आज के गायक उनके गीतों को गा रहे है। वहीं उनके कई गीत हिन्दी सिनेमा में भी गाये जा चुके है। जिस तरह से पहाड़ के दर्द को गोपाल बाबू गोस्वामी जी ने अपने सुरों में बयां किया वाकई में वह उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।