हल्द्वानीः मास्टर माइंड अब्दुल मलिक की बढ़ी मुश्किलें, 13 बीघा जमीन, 500 पेड़, निगम का नोटिस…

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Haldwani News: हल्द्वानी हिंसा के बाद एक के बाद एक खुलासे हो रहे है। अब नगर निगम की ओर से एक और मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिसमें कंपनी बाग की 13 बीघा जमीन को खुर्द-बुर्द करने पर नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने कोतवाली में तहरीर सौंपी है। तहरीर के आधार पर पुलिस ने अब्दुल मलिक, उसकी पत्नी साफिया मलिक सहित छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, आईपीसी 417 और 120 बी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

वहीं नगर निगम का नोटिस तहसील में पहुंच गया है जो बनभूलपुरा हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक से 2.68 करोड़ की वसूली करेगा। यह वसूली तहसील के माध्यम से अब्दुल मलिक से की जायेंगी। तहसील की ओर से एक साइटेशन देकर 14 दिन में राशि जमा करने का समय दिया जाएगा। ऐसा न करने पर तहसील प्रशासन मलिक के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर सकेगा। जिसमें चल-अचल संपत्ति की कुर्की के अलावा गिरफ्तारी भी की जा सकती है। तहसीलदार सचिन ने आरसी पहुंचने की पुष्टि की है।

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वहीं कंपनी बाग की 13 बीघा जमीन को खुर्द-बुर्द करने के लिए अब्दुल मलिक, उसकी पत्नी साफिया मलिक सहित छह लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जानी है। विगत दिन जाते-जाते नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि जब नगर निगम ने मलिक के बगीचे की जांच की तो उनके सामने कई चौकाने वाले मामले आये है। नबी रजा खां को बाग के लिए लीज में मिली जमीन का फ्री होल्ड नहीं हुआ तो जमीन को 10 रुपये से 100 रुपये के स्टांप में बेच दिया गया। चौकाने वाली बात यह है कि नबी रजा खां की 1988 में मौत हो गई। इसके बाद भी हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक उनके नाम से नगर निगम, डीएम से लेकर कोर्ट तक पैरवी करता रहा।

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वर्ष 1991 में कपंनी बाग में 500 फलदार पेड़ थे, लेकिन वर्तमान में पेड़ नहीं है। वहीं 13 बीघा जमीन कहां चली गई। नबी रजा खां के भाई गौस रजा ने 10 अक्तूबर 1991 में नगर निगम को लिखित बयान दिया था। इसमें कहा गया था कि अख्तरी बेगम मेरी मां है। उन्हें खलिस पड़ा है। नबी रजा खां की मृत्यु 1988 में हो गई है। इस जमीन में 500 फलदार पेड़ हैं। अब यह पूरा मामला सामने आने के बाद नगर निगम ने कोतवाली में तहरीर दी है। जिसके बाद पुलिस ने भी मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब जांच के बाद कई परतें खुलनी शेष है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।