गुनगुनी सी धूप…

खबर शेयर करें

कितने सावन बीत गये 

बहारें भी कितनी रूठ गई
सूने पड़े सावन के झूले
कुछ दबी ख्वाहिशें रह गई

        खामोशियों में छूप गई है

न जाने दिल की कितनी बातें
मन के आंगन में, रिमझिम
कितनी, बरसी हैं बरसातें

Ad
         मीठे लम्हों की कुछ यादें

कुछ गजलें मेरी ख्वाहिश के
वक्त पल पल गुजर रहा है
भूल ना पाई सपने, जन्नत के

      कभी दामन को छूती, सर्द हवा

कभी मुस्काती, दोपहरी की धूप
जैसे पहली बारिश में, मिट्टी की खुशबू
तेरी यादों का शोर मचाती, गुनगुनी सी धूप ..!!

पूनम झा, नई दिल्ली।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।