अल्मोड़ाः लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने मौत के मुंह से निकाली बस, हलक में अटकी 30 यात्रियों की सांसें

Almora News: लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी की बहादुरी की आज हर कोई तारीफ कर रहा है। उनकी सूझबूझ से 30 से अधिक यात्रियों की जान बच गई। जी हां चौखुटिया से रामनगर जा रही केमू बस में एक बड़ा हादसा टल गया। बस में 30 से अधिक यात्री सवार थे। यात्रियों के अनुसार भिकियासैंण से आगे बढ़ते ही चालक शराब के नशे में वाहन को अनियंत्रित तरीके से चलाने लगा। बस कभी सड़क से नीचे खिसक रही थी तो कभी पहाड़ी की ओर झटके मार रही थी। स्थिति इतनी खतरनाक हो गई कि यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।
इसी दौरान बस में सवार चौखुटियां निवासी लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने अपनी अद्भुत सजगता और बहादुरी दिखाते हुए बड़ा कदम उठाया। चालक की हरकतों को भांपकर उन्होंने तुरंत बस रुकवाई। फिर खुद आगे बढ़ते हुए टायरों में पत्थर लगवाए और सभी यात्रियों को एक-एक कर सुरक्षित बाहर निकाला। जिस बस में मौत मंडराने लगी थी, उससे दर्जनों लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने वाले रमेश बाबू गोस्वामी उस पल के वास्तविक हीरो बन गए। रमेश बाबू गोस्वामी की सतर्कता से एक बड़ा हादसा होने से बच गया। यह मंजर के बाद यात्री काफी गुस्से में दिखे। बकायदा इस पूरे घटनाक्रम को रमेश बाबू ने फेसबुक पर लाइव भी किया, जिसे लोग अब तेजी से साझा कर रहे हैं और उनकी बहादुरी की सराहना कर रहे हैं।
यात्रियों ने आरोप लगाया कि चालक ने भिकियासैंण में शराब पी थी और बार-बार बस को गलत दिशा में ले जा रहा था। यात्रियों ने कई बार बस रोकने को कहा, लेकिन चालक उनकी बात नहीं सुन रहा था। अंततः यात्रियों को मजबूर होकर बस को जबरन रुकवाना पड़ा। रमेश बाबू ने कहा कि प्रशासन हादसों के बाद कुछ दिन सख्ती जरूर दिखाता है, लेकिन हालात जल्द ही फिर ढीले पड़ जाते हैं। लोगों ने यह सवाल उठाया कि क्या चालकों की जांच सिर्फ हादसों के बाद की जाती है? नशे में वाहन चलाने वालों पर स्थाई और कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं होती? उन्होंने प्रशासन से मांग की कि पहाड़ी मार्गों पर चलने वाली सभी गाड़ियों के चालकों की नियमित जांच अनिवार्य की जाए, ताकि यात्रियों की जान खतरे में न पड़े।














