यादें: जब Pankaj Udhas ने रिजेक्ट कर दिया था संजय दत्त की फिल्म का गाना, जानिए फिर क्या हुआ…

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Pankaj Udhas Passed Away : दिग्गज गजल सिंगर पंकज उधास का 27 फरवरी को 72 साल की उम्र में निधन हो गया. कैंसर से पीड़ित पंकज उधास का लंबे समय से इलाज चल रहा था, उन्होंने मुंबई के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली. पंकज (Pankaj Udhas) के निधन से सिर्फ म्यूजिक इंडस्ट्री ही नहीं, बल्कि फिल्म और टीवी इंडस्ट्री को भी गहरा सदमा पहुंचा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने भी पंकज उधास के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. अपने करियर में पंकज उधास ने कई ब्लॉकबस्टर औऱ सुपरहिट गाने गाए, जिनमें से एक संजय दत्त की फिल्म ‘नाम’ (Naam) का गाना ‘चिट्ठी आई है’ (Chitthi Aayi Hai) भी सदाबहार है. हालांकि पंकज ने पहले इसे गाने से इनकार कर दिया था.

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बात इतनी बढ़ गई कि राजेंद्र ने पंकज पर अनप्रोफेशनल व्यवहार का आरोप लगा दिया. एक इंटरव्यू में पंकज उधास ने उस समय को याद करते हुए कहा, ‘इस गाने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है. असल में, मैं कभी भी यह गाना नहीं गाना चाहता था. जब यह फिल्म बन रही थी, तो इस खास गाने के लिए मेरे नाम पर विचार किया गया था. सलीम खान साहब ने कहानी लिखी थी, महेश भट्ट साहब फिल्म के निर्देशक थे और राजेंद्र कुमार निर्माता थे. उन सभी को लगा कि ये सॉन्ग रियल लाइफ सिंगर द्वारा गाया जाना चाहिए, न कि स्टेज पर किसी एक्टर पर फिल्माना चाहिए. फिल्म की स्थिति यह है कि एक लाइव कॉन्सर्ट है और एक गायक गाना गा रहा है.

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उन्होंने आगे कहा, गाने के सीन में ​​संजय दत्त के कैरेक्टर का, हृदय परिवर्तन होता है और वह वापस आ जाता है. इसलिए, मेकर्स एक असली सिंगर चाहते थे. उन्हें एक ऐसे सिंगर की जरूरत थी जो पॉपुलर हो और पब्लिक उसके गाने को पसंद करती हो. इसलिए, उन्होंने मुझ पर विचार किया. जब निर्माता ने मुझसे यह गाना करने के लिए कहा, तो उन्होंने मुझे इस आइडिया के बारे में नहीं बताया, इसके बजाए कहा, ‘पंकज, तुम्हें हमारी फिल्म में फीचर होना होगा’ और मैं डर गया. उन्होंने मुझसे कहा कि फिल्म में उनके बेटे कुमार गौरव और संजय दत्त हैं और मुझे भी फिल्म का एक हिस्सा बनना होगा. मैं डर गया क्योंकि मैं कभी एक्टर बनना ही नहीं चाहता था.’

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।