उत्तराखंड: तत्कालीन तिवारी सरकार में दूसरे नंबर की कद्दावार नेता थी इंदिरा हृदयेश, पढिय़े यूपी से लेकर उत्तराखंड तक का राजनीतिक सफर
Pahad Prabhat News Uttarakhand: आज उत्तराखंड नेे एक बड़ी नेता खो दी। वर्ष 1941 में जन्मीं इंदिरा ह्रदयेश उत्तराखंड की बड़ी कद्दावार नेत्री थी। वर्ष 2017 से नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रही इंदिरा ह्रदयेश न केवल जनहित के मुद्दों को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोलती रहीं बल्कि सरकार को विधायी कामकाज पर राय भी देती थी। यही वजह है कि सरकार से लेकर विपक्ष के बड़े नेता उन्हें इंदिरा दीदी कहकर बुलाते थे।
अविभाजित उत्तर प्रदेश में वह चार बार विधान परिषद की सदस्य रहीं। नौ नवंबर 2000 को उत्तराखंड के अलग राज्य बनने पर 30 सदस्यीय अंतरिम विधानसभा का गठन किया गया था, इसमें भी इंदिरा हृदयेश सदस्य थीं। इसकेे बाद वर्ष 2002 के पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सत्ता में आने पर नारायण दत्त तिवारी सरकार में उन्हें नंबर दो की हैसियत हासिल थी। तिवारी सरकार में उन्होंने लोक निर्माण विभाग, सूचना आदि विभागों का दायित्व सं भाला। इसके बाद वर्ष 2012 में कांग्रेस के फिर सत्ता में आने पर इंदिरा हृदयेश विजय बहुगुणा और फिर हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं। इसके बाद वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सत्ता से बाहर हो जाने पर उन्होंने नेता प्रतिपक्ष का पद संभाला। पढिय़े उनका राजनीतिक सफर…
जन्म :- सात अप्रैल 1941
1974 :- पहली बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए निर्वाचित
1986-से 2000 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद की सदस्य रहीं
2000 :- उत्तराखंड की अंतरिम विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष
2002 :-हल्द्वानी से विधायक चुनी गईं। पहली कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री बनीं
2012 :- कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री
2017 :- विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष