उत्तराखंड: मिनर्वा सैन्य अकादमी में हुआ पहाड़ के प्रदीप का चयन, अफसर बनकर करेगा देश सेवा
Almora News: नोएडा की सडक़ों पर दौडऩे वाले पहाड़ के प्रदीप की किस्मत बदल चुकी है। वरिष्ठ पत्रकार और फिल्मकार विनोद कापड़ी द्वारा बनाया गया वीडियो देशभर में वायरल हुआ तो लोगों ने प्रदीप मेहरा की हौंसला अफजाई की। कई लोगों ने उनकी मदद को हाथ आगे भी बढ़ाये। क्रिकेट के खिलाडिय़ों से लेकर बॉलीवुड जगत तक के स्टारर्स ने उनकी जमकर तारीफ की। इस बीच उन्हें मोहाली के (Minerva Academy) मिनर्वा सैन्य अकादमी से ऑफर आया तो प्रदीप मेहरा मना नहीं कर सकें, यह बुलावा उनके सपनों पर पंख लगाने जैसा था।
ज्वाइंन की मिनर्वा सैन्य अकादमी
अब प्रदीप मेहरा ने मोहाली की मिनर्वा सैन्य अकादमी (Minerva Academy) की सौ फीसदी स्कॉलरशिप के साथ अकादमी ज्वाइन करने का फैसला लिया। जिसके बाद प्रदीप अकादमी पहुंच गये। इसका वीडियो वरिष्ठ पत्रकार विनोद कापड़ी ने एक बार फिर अपने ट्वीटर अकाउंट पर डाला। कापड़ी ने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रदीप मेहरा को (Minerva Academy) अकादमी ज्वाइन करने का आमंत्रण दिया था। प्रदीप मेहरा ने उनसे संपर्क करके अकादमी ज्वाइन करने का निर्णय लिया।
तीन साल तक प्रदीप करेगा तैयारी
अब प्रदीप मेहरा 3 साल तक मिनर्वा अकादमी मोहाली (Minerva Academy) में ही रहकर पढ़ाई-लिखाई करेंगे, उनकी पढ़ाई लिखाई खाना.पीना तथा रहने का खर्च अकादमी के द्वारा ही उठाया जाएगा। अकादमी में रहकर प्रदीप मेहरा एसएसबी की तैयारी करेंगे और सैन्य अफसर बनकर ही अकादमी से बाहर आएंगे। (Minerva Academy) अकादमी के संचालक रणजीत बजाज का कहना है कि अकादमी को ज्वाइन करने के बाद प्रदीप मेहरा का फिटनेस टेस्ट लिया गया, जिसमें 50 ट्रेनी स्टूडेंट के बीच प्रदीप मेहरा ने टॉप फाइव पोजीशन में अपनी जगह बनाई। प्रदीप मेहरा के फिटनेस काफी अच्छी है। रंजीत मेहरा के अनुसार अकादमी पहले प्रदीप मेहरा को ग्रेजुएशन की पढ़ाई क राएगी तथा इसके साथ ही उन्हें सैन्य अफसर बनाने के लिए तैयार करेगी। अभी तक मिनर्वा अकादमी से हजारों सैन्य अफसर बन चुके हैं।
गरीब बाप के लिए सबसे बड़ी खुशी
पहाड़ के गरीब परिवार से निकले प्रदीप में सेना में सिपाही बनने का ख्याब देखा था लेकिन उसे क्या पता वह सेना में अधिकारी बनेगा। इसके पीछे वरिष्ठ पत्रकार विनोद कापड़ी की मेहनत है, जो प्रदीप को पूरी दुनियां से रूबरू कराने में सफल रहे। मजदूरी कर परिवार पालने वाले प्रदीप के पिता के लिए इससे अच्छी खबर क्या हो सकती है कि उनका बेटा तीन साल बाद सेना का अफसर बनकर आयेगा।