उत्तराखंड: लंदन में उत्तराखंडी संगीत को संवार रही पहाड़ की बेटी दीपा, कुमाऊंनी गीत “म्यर रंगील पहाड़ सुवा” हुआ वायरल…

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PAHAD PRABHAT EXCLUSIVE BY JEEVAN RAJ: आज पहाड़ का युवावर्ग लगतार उत्तराखंड के लोक संगीत को संवारने में जुटा है। कई लोग अन्य राज्यों में नौकरी करते हुए पहाड़ के संगीत को आगे बढ़ा रहे है। वहीं संगीत की दुनियां में कई लोकगायिकाओं ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन दिनों गायिका दीपा आर्या का गीत म्यर रंगील पहाड़ सुवा सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। गायिका दीपा आर्या विदेश में रहकर उत्तराखंड के लोक संगीत को आगे बढ़ा रही, जो उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है। उनका यह दूसरा गीत है, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे है।

बचपन से था गाने का शौक

पहाड़ प्रभात से फोन पर हुई विशेष बातचीत में गायिका दीपा आर्या ने बताया कि उन्हें बचपन से पहाड़ी गीत गाने का शौक था, स्कूल समय हो या फिर गायों के ग्वाला जाना हो, वह पहाड़ी गीतों में खोये रहते थे। लेकिन कभी ऐसा मौका नहीं आया, जहां वह अपनी प्रतिभा लोगों को दिखा सकें। बचपन से उनके अंदर दबी पहाड़ी गीतों को गाने की ख्वाहिश शादी के बाद पूरी हुई। लेकिन पिता बाली राम ने बेटी की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। शादी के बाद वह कई साल दिल्ली में रही। इस बीच पति को विदेश से ऑफर मिलने पर वह भी बच्चों को लेकर लंदन चली गई।

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लंदन में रहकर और बढ़ गया पहाड़ से लगाव

लंदन में पहुंचकर चारों ओर वहीं फर्राटेदार इग्लिश बोलने वाले लोगों को देखकर उन्हें हमेशा पहाड़ की याद सताती थी। दीपा आर्या बताती है कि वह लंदन के स्कूल में टीचर है। लेकिन पहाड़ जैसा सकून यहां कहां। लॉकडाउन के दौरान घर पर दिन कटने मुश्किल हो रहे थे, ऐसे में उनकी बात लोकगायक आनंद कोरंगा से हुई तो बातों-बातों में दीपा ने अपने अंदर छुपी प्रतिभा का जिक्र उनसे किया। फिर क्या था लोकगायक कोरंगा ने उन्हें संगीत जगत में लाने के लिए हामी भर दी। इसके बाद उनकीआवाज टेस्ट की गई। इससे पहले उनका एक गढ़वाली गीत सूण हे गैल्या आया, जिसे लोगों ने खूब प्यार दिया। अब उनका नया गीत म्यर रंगील पहाड़ सुवा आया। इस गीत को लिखा है लोकगायक आनंद कोरंगा ने जबकि संगीत संजीव दादा ने दिया है। यह गीत आनंद कोरंगा ऑफिसयल यू-ट्यूब चैनल से रिलीज हुआ है। जिसे लोग खूब पसंद कर रहे है।

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SINGER DEEPA ARYA FIMELY

लंदन में भी बोलते है पहाड़ी

पहाड़ के प्रति दीपा का प्यार इस गीत के माध्यम से झलकता है। खास बात यह है कि सात समुन्दर पार रहकर भी दीपा आर्या पहाड़ के संगीत को आगे बढ़ा रही है। मूलरूप से द्वाराहाट की रहने वाली दीपा बताती है कि लंदन में भी रहकर भी उनके परिवार में पहाड़ी बोली जाती है। उनके बच्चे पहाड़ी भाषा पूरी तरह से समझते है। वह कहती है कि कितनी भी सुख सुविधाएं मिल जाय लेकिन अपनी भाषा और अपनी जन्मस्थली इंसान को हमेशा सताती है। दीपा नेेसंगीत की दुनियां में कदम रखने के लिए अपने पति राम आर्या को स्पेशल धन्यवाद दिया। वह कहती है कि हर कामयाब पुरूष के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है लेकिन हमारे परिवार में ठीक इसका उल्टा है। यहां कामयाब स्त्री के पीछे पुरूष का हाथ है। उनके पति राम आर्या उन्हें हर तरह से सपोर्ट कर आगे बढऩे को प्रेरित करते है। इन दिनों गायकी दीपा आर्या का गीत म्यर रंगील पहाड़ सुवा खूब वायरल हो रहा है।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।