Health Tips: एक्जिमा की बीमारी से है परेशान, जानिये त्वचा रोग विशेषज्ञ एवं काॅस्मेटोलाॅजिस्ट डाॅ. अक्षत टम्टा से समाधान…

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Haldwani News: एक्जिमा की स्थिति में, त्वचा में सूखापन, लालपन, खुजली, दरार और खुरदुरा हो जाता हैं। कुछ लोगों में लंबे समय में खाल में पपड़ी बनने लगती है और खाल मोती हो जाते हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञ एवं काॅस्मेटोलाॅजिस्ट डाॅ. अक्षत टम्टा बताते है कि एक्जिमा एक ऐसी स्थिति है, जिसमें त्वचा में गंभीर खुजली, लाल चकते, कटी-फटी और रुखी त्वचा का कारण बनती हैं। उन्होंने बताया कि कभी-कभी त्वचा पर छाले (फफोले) भी हो सकते हैं। “एक्जिमा” शब्द का प्रयोग विशेष रूप से एटोपिक डर्माटाइटिस की स्थिति को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। “एटोपिक” एलर्जी से सम्बंधित होता है। और यह एलर्जी व्यक्ति की जेनेटिक बनावट की वजह से होती है। कहने का मतलब ये है कि किसी को एक्जिमा होना या ना होना उसकी शरीर की बनावट पर होता है जो की जेनेटिक मेकअप पर निर्भर है। एक्जिमा कब होगा और कितना ज्यादा या किस वर्ग का होगा ये सब व्यक्ति की बनावट पर निर्भर होता है। एक्जिमा अगर है तो अपने शरीर को छोड़ किसी भी चीज से एलर्जी हो सकती है। ऐसे लोग को मौसम में बदलाव से, धूल, फूल का पराग, सूरज की किरणें से, ठंड, अनेक प्रकार के केमिकल वह कॉस्मेटिक्स, इत्यादि से एक्जिमा हो जाता है। एक्जिमा बचपन से ले कर किसी भी उम्र में हो सकता है। एक्जिमा की शुरुवात अक्सर खुजली से होती है जिसके बाद खुलने की वजह से त्वचा लाल हो जाती है जिसके बाद छोटे छोटे दाने हो जाते है जो खुजली को और बड़ा देते है। इसके बाद त्वचा में सूजन, मोटापन, दरार, पपड़ी, सूखापन हो जाता है इस कंडीशन को ही एक्जिमा कहा जाता है।

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एक्जिमा बढ़ने लगे तो चिकित्सक से ले सलाहः डाॅ. अक्षत टम्टा

त्वचा रोग विशेषज्ञ एवं काॅस्मेटोलाॅजिस्ट डाॅ. अक्षत टम्टा बताते है कि एक्जिमा के साथ रहना वास्तव में चुनौतीपूर्ण है और यह हल्के, मध्यम स्तर से लेकर गंभीर स्तर तक हो सकता है। शिशुओं में एक्जिमा, गाल और ठुड्डी पर विकसित होता है, लेकिन यह शरीर में कहीं भी दिखाई दे सकता है। यहां तक कि वयस्क में भी यह स्थिति विकसित हो सकती है। ऐसे में आपको चिकित्सक के पास जाकर जरूर उनसे सलाह लेनी चाहिए। डाॅ. अक्षत टम्टा बताते है कि जब एक्जिमा के लक्षण और बढ़ने लगे तो तुरंत चिकित्सक के पास जाये। खासकर बच्चों के मामले में, संक्रमित चकत्ते को कभी भी नजरअंदाज न करें।बिना दवाइयों के इसका इलाज संभव नहीं है। बस कुछ वक्त की दवाई वह परहेज से एक्जिमा पूरी यह सही हो जाता है।

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इन कारणों से होता है एक्जिमा

डाॅ. अक्षत टम्टा बताते है कि एक्जिमा के कई कारण हो सकते है। शरीर में हार्मोन एक्जिमा के उत्पन्न होने का प्रमुख कारण है, प्रतिरक्षा प्रणाली का असामान्य कार्य भी एक्जिमा को ट्रिगर कर सकता है। इसके अलावा गर्म और ठंडा तापमान भी एक्जिमा का कारण बन सकता है। साथ ही सूरज की किरण, धूल, मिट्टी, सीमेंट, सैनिटाइजर, साबुन, धातु, केमिकल, हेयर डाई, कॉस्मेटिक्स, इंक, डाई कलर, ग्रीस, डिटर्जेंट, शैंपू, कीटाणुशोधक, ड्राई फ्रूट्स, अंडा, मछली, मांस या सब्जियों के रस केसे लासन, प्याज, आलू एक्जिमा को आक्रामक रूप दे सकते हैं। अगर आप एक्जिमा से परेशान है तो आप त्वचा रोग विशेषज्ञ एवं काॅस्मेटोलाॅजिस्ट डाॅ. अक्षत टम्टा से मैट्रिक्स मल्टी स्पेशिलिटी हाॅस्पिटल हल्द्वानी में संपर्क कर सकते है।

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एक्जिमा के लक्षण-

शुष्क त्वचा का होना।
रात में त्वचा पर गंभीर खुजली का होना।
चेहरा, गर्दन, छाती, हाथ, कलाई, टखने और पैर लाल से लाल रंग के दाने होना।
फटी और पपड़ीदार त्वचा का होना।
त्वचा में दरारके साथ खून और पीले द्रव का दिखाई देना।
संवेदनशील और सूजी हुई त्वचा।

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पहाड़ प्रभात डैस्क

संपादक - जीवन राज ईमेल - [email protected]

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