चौखुटियाः 2 फरवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा सुर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी का जन्मोत्सव

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Choukhuita News: हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उत्तराखंड के सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी का जन्मोत्सव 2 फरवरी’’ को पूरे हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाएगा। गोस्वामी परिवार पूरी तैयारी में जुटा है। इन दिनों चौखुटिया में कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। यह जानकारी स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी के सुपुत्र लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने दी।

भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने बताया कि हर साल 2 फरवरी को सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी के जन्मोत्सव पर एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस बार भी कार्यक्रम को शानदार बनाने के लिए लोकगायक जितेंद्र तोमक्याल, बिशन हरियाला, रमेश बाबू गोस्वामी, लोकगायिका प्रियंका और बबीता देवी अपनी प्रस्तुति देंगे। यह भव्य कार्यक्रम बराठेश्वर महादेव मंदिर, चांदीखेत, चौखुटिया में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित किया जाएगा।

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उत्तराखंड संगीत के अनमोल रत्न गोपाल बाबू गोस्वामी

लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने बताया कि उनके पिता स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी न केवल एक महान लोकगायक थे, बल्कि वे लेखक, उद्घोषक, निबंधकार, रचनाकार और साहित्यकार भी थे। उन्होंने अपनी गायकी से उत्तराखंड को देश-विदेश में एक नई पहचान दिलाई। उनके समय में जब संचार के साधन सीमित थे, तब भी उन्होंने अपनी सुरीली आवाज से उत्तराखंडी संगीत को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया। आज उनके पुत्र रमेश बाबू गोस्वामी अपनी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं और अपने पिता की ही तरह उत्तराखंड संगीत प्रेमियों की पहली पसंद बन चुके हैं। स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी के गीत आज भी लोगों के दिलों पर राज करते हैं। उनके द्वारा गाए गए कई अमर गीत समाज को जागरूक करने के लिए बनाए गए थे, जिनमें कैले बाजे मुरुली, हाय तेरी रुमाला, बेडू पाको बारो मासा, घुघुती ना बासा, हिमालय को ऊंचा डाना, काली गंगा को कैलो पाणि, जय मैया दुर्गा भवानी, ओ भिना कसिके जानू, रूपसा रमोती, निकाटू झुगराली बाजा, गोपुलि इन गीतों के माध्यम से उन्होंने जल, जंगल और जमीन के मुद्दों को भी उठाया और समाज में जागरूकता लाई।

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विशेष सहयोगियों का किया आभार व्यक्त

लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हयात सिंह राजपूत (उद्योगपति, समाजसेवी, मुंबई), प्रदीप सिंह रावत (उद्योगपति, समाजसेवी, मुंबई), शेखर उपाध्याय (उद्योगपति, समाजसेवी, मुंबई), देवेन्द्र सिंह कोरंगा (समाजसेवी, दुबई), गणेश कांडपाल (समाजसेवी, चौखुटिया), लाल सिंह गुड्डू दा (समाजसेवी, दिल्ली), देवकीनंदन कांडपाल (लोकगायक, उत्तराखंड), दिनेश फुलारा (समाजसेवी, दिल्ली), कमल सिंह बेलाल (उद्योगपति, समाजसेवी, मुंबई), महेश भट्ट (उद्योगपति, समाजसेवी, मुंबई), मनोज भट्ट (समाजसेवी, मुंबई), अनिल भट्ट (समाजसेवी, मुंबई), देवचंद (उद्योगपति, समाजसेवी, मुंबई), मनोज रावत (उद्योगपति, समाजसेवी, मुंबई), रमण महोन कुकरेती (समाजसेवी, मुंबई), अशोक मुरारी (समाजसेवी, मुंबई), दिनेश कांडपाल (सीनियर एडिटर, इंडिया टीवी, वरिष्ठ पत्रकार, समाजसेवी, दिल्ली), जसी राम आर्य (रंगकर्मी, चौखुटिया),’महेश चंद (उद्योगपति, समाजसेवी, दिल्ली), हरीश बिष्ट (समाजसेवी, दिल्ली), शिवदत्त पंत (लोकगायक, उत्तराखंड) विभिन्न समाजसेवियों और उद्योगपतियों का विशेष आभार व्यक्त किया।

जीवन राज (एडिटर इन चीफ)

समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री के साथ (MAJMC) पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री। पत्रकारिता में 15 वर्ष का अनुभव। अमर उजाला, वसुन्धरादीप सांध्य दैनिक में सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। राजनीतिक और सांस्कृतिक के साथ खोजी खबरों में खास दिलचस्‍पी। पाठकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाना उनकी लेखनी की खासियत है। अपने लंबे करियर में उन्होंने ट्रेंडिंग कंटेंट को वायरल बनाने के साथ-साथ राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर लिखने में विशेषज्ञता हासिल की है। वह सिर्फ एक कंटेंट क्रिएटर ही नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स हैं जो हमेशा कुछ नया सीखने और ख़ुद को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहते हैं। देश के कई प्रसिद्ध मैगजीनों में कविताएं और कहानियां लिखने के साथ ही वह कुमांऊनी गीतकार भी हैं अभी तक उनके लिखे गीतों को कुमांऊ के कई लोकगायक अपनी आवाज दे चुके है। फुर्सत के समय में उन्हें संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और फोटोग्राफी पसंद है। वर्तमान में पहाड़ प्रभात डॉट कॉम न्यूज पोर्टल और पहाड़ प्रभात समाचार पत्र के एडिटर इन चीफ है।